सभी मां-बाप चाहते हैं कि उनके बच्चों की परवरिश अच्छे ढंग से हो. इसमें वो कोई कसर भी नहीं छोड़ते. लेकिन कई बार पैरेंट्स को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि कोई भी बच्चा किसी भी चीज़ को सीखने में समय लगाता है. ऐसे में पैरेंट्स अपना धैर्य खो सकते हैं. इससे गुस्सा होकर वो उनसे चिढ़ सकते हैं.
इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे पैरेंटिंग टिप्स बताएंगे, जिनकी मदद से आप अपने बच्चे की आसानी से परवरिश कर पाएंगे.
1. बच्चों के सामने कभी न चिल्लाएं
बच्चों के सामने कभी न चिल्लाएं. इससे घर में अशांति फैलती है. इसका बच्चों पर बुरा असर पड़ता है. इनके व्यवहार में भी बदलाव देखने को मिलते हैं, जैसे वो भी बात-बात पर गुस्सा हो सकते हैं.
2. ज़िद करने पर प्यार से समझाएं
अगर बच्चा किसी चीज़ के लिए ज़िद कर रहा है, तो उसे डांटे-फटकारें नहीं. प्यार से उसे समझाएं और बताएं कि जो वो कर रहा है वो ग़लत है. उन्हें डिस्ट्रैक्ट करने की कोशिश करें.
3. बच्चा झूठ बोले तो क्या करें
झूठ बोलने पर अपने बच्चे को डांटने से बचें. ये पता लगाने की कोशिश करें की वो ऐसा क्यों कर रहा है. साथ ही उसे सही उदाहरण/तर्क देते हुए सही और ग़लत का फर्क समझाएं.
4. भाई-बहन से झगड़ा करना
भाई-बहन में झगड़ा होना आम बात है. लेकिन ऐसा बार-बार होने लगे तो किसी का पक्ष लेने से बचें. उन्हें स्वयं ही झगड़े का निपटारा करने के लिए प्रेरित करें. सज़ा देनी ही हो तो दोनों को दें.
5. आक्रामक हो जाए तब क्या करें
गुस्सैल बच्चे को संभालना चुनौती पूर्ण होता है. ऐसे में वो ऐसा क्यों कर रहा है उसका पता लगाने की कोशिश करें. अगर स्कूल में कोई दिक्कत है, तो टीचर से बात कर उसे हल करें. अगर फिर भी उसका रवैय्या ठीक न हो तो डॉक्टर की सलाह लें.
6. बात न मानें तो क्या करें
पहले उसकी बात सुनें की वो आपकी बात क्यों नहीं मानना या करना चाह रहा. उसे बोलने की आज़ादी दें. उसके बाद उसे प्यार से समझाएं कि आप जो कह रहे हैं वो ठीक है. ऐसा करते समय अपने शब्दों पर ख़ास ध्यान दें.
7. उनकी सुनें
बच्चों की बात को ध्यान से सुनें, फिर चाहे आप कितने ही बिजी क्यों न हों. उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताने की कोशिश करें.
8. बच्चों के दोस्त बन जाएं
अपने बच्चों पर ख़ुद को थोपना छोड़ दें. उनके लीडर बनकर उनपर हुक्म चलाने की बजाय उनके अच्छे दोस्त बन जाएं. ऐसा करने से बच्चे आपसे आसानी से और बेझिझक अपनी सारी बात कर पाएंगे.
9. दूसरे बच्चों से तुलना न करें
हर बच्चे में अलग-अलग गुण होते है. उसकी तुलना दूसरे बच्चों से करके उसके आत्मविश्वास को कमज़ोर न करें. ऐसा करने से उनमें हीन भावना आ सकती है. ऐसा करने की बजाए उसकी प्रतिभा को खोज कर उसे निखारने की कोशिश करें.
10. व्यवहार में बदलाव आए तो क्या करें
जैसे-जैसे बच्चे बडे़ होने लगते हैं, उनके व्यवहार में भी बदलाव आने लगता है. ऐसे में अगर आपको लगे कि वो कोई गंदी आदत सीख रहा है, तो उसे वहीं टोक दें. साथ ही समझाएं कि वो जो कर रहा है क्यों ग़लत है.
आगे से इन बातों का ख़्याल रखना.
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