Parkinson’s Disease तंत्रिका तंत्र का एक आम क्रोनिक डिजेनरेटिव विकार है. ये बीमारी व्यक्ति के चलने-फिरने की क्षमता को प्रभावित करती है. इसीलिए इसे ‘Movement Disorder’ भी कहा जाता है. इससे प्रभावित मरीज़ों में ज़्यादा लोग 60 साल से ऊपर के ही होते हैं.
इस बीमारी के कुछ प्रमुख लक्षण हैं:
1. हाथ और पैर कांपना
अगर आपके हाथों, बाहों, पैरों, जबड़े और चेहरे पर कंपकंपी हो रही है, तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें. ये पार्किंसंस रोग के लक्षण हो सकते हैं. इसमें चाल धीमी होने के अलावा मरीज़ को चलने और संतुलन बनाने में परेशानी होती है.
2. डिप्रेशन
चिंता, डिप्रेशन और डिमेंशिया से पीड़ित हो सकते हैं. इस स्थिति में जल्द से जल्द ऐसे न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लें, जो मूवमेंट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में माहिर हो.
3. लिखावट में बदलाव आना
अगर आपके द्वारा लिखे गए अक्षर पहले से छोटे हो गए हैं और शब्द बहुत पास-पास, तो लक्षण Parkinson’s Disease के हो सकते हैं. ऐसा Micrographia ने कहा है.
4. खाने की चीज़ों की ख़ुशबू न आना
खाने के चीज़ों की ख़ूशबू न आना. इसमें केला, अचार और Licorice शामिल है.
5. सोने में परेशानी होना
अगर आप सपने में कुछ देख कर उस पर रिएक्ट करते हैं या बेड से नीचे गिर जाते हैं. ये आपको नहीं, बल्कि आपके पार्टनर को अच्छे से पता होगा. नींद के बीच कोई भी मूवमेंट होना भी इसी बीमारी का लक्षण है.
6. कब्ज़ की परेशानी
अगर कब्ज़ के कारण आपकी आंतों में तनाव है, तो ये Parkinson’s Disease के कारण हो सकता है. ऐसे में डॉक्टर से सलाह लें.
7. आवाज़ में फ़र्क़ आना
अगर आपकी आवाज़ में अचानक से कोई बदलाव आया है, जैसे आपकी आवाज़ बहुत धीमी है या फिर बहुत भारी. कभी-कभी लोग धीरे बोलते-बोलते अपनी आवाज़ खो देते हैं. इसलिए एक बार अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.
8. चेहरे के हाव-भाव बदलना
गुस्सा न होने पर भी आपके चेहरे पर वो Depressed Look आए. इसे Facial Masking कहते हैं. इसलिए मूड के हिसाब से चेहरे के भाव न होना भी Parkinson’s Disease का लक्षण होता है.
आपको बता दें, पार्किंसंस रोग के मरीज़ों को अपनी डाइट में फल, सब्ज़ियां और लीन मीट शामिल करना चाहिए. साथ ही आप विटामिन युक्त डाइट भी ले सकते हैं. इसके अलावा अपनी उम्र और लंबाई के हिसाब से अपना वज़न बनाए रखें. अगर आपको फ़ाइबर की ज़रूरत है, तो ब्रोकोली, मटर, सेब, सेम, साबुत अनाज वाली ब्रेड और पास्ता जैसे खाद्य पदार्थ लें और पानी खूब पिएं. लेकिन एक बार डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.