Pune Restaurant Run by Specially Abled People: कहा जाता है कि इंसान का सबसे बड़ा धन उसका शरीर है, अगर शरीर सही सलामत है, तो वो कुछ भी कर सकता है. लेकिन, कई बार इंसान आम चीज़ों को लेकर निराश हो जाता है, ख़ुद को हारा हुआ समझता है. लेकिन दोस्तों, इस अनोखी दुनिया में आपको ऐसे कई उदाहरण मिलेंगे जब इंसान ने शरीर की बाधाओं को भी चुनौती दे डाली.
इस लेख के ज़रिये हम जिस Restaurant के बारे में बताने जा रहे हैं, वो आपके अंदर पॉज़िटिव एनर्जी भरने का काम करेगा. जी हां, पुणे का एक ऐसा रेस्तरां है, जिसे दिव्यांग जन मिलकर चलाते हैं. यहां काम करने वालों के मुख पर मुस्कुराहट और उत्साह देख आपको ज़रूर अच्छा लगेगा.
आइये, विस्तार से जानते हैं इस रेस्तरां (Pune Restaurant Run by Specially Abled People) के बारे में.
पुणे का Terrasinne – Kitchen & Bar
Pune Restaurant Run by Specially Abled People: हम जिस रेस्तरां की बात कर रहे हैं उसका नाम है टेरासीन – किचन एंड बार (Terrasinne – Kitchen & Bar) इस ख़ास रेस्तरां को स्थापित करने का श्रेय जाता है Dr. Sonam Kapse को, जो एक ऑकोलॉजिस्ट हैं. दरअसल, सोनम उन लोगों को अपने पैरों पर खड़ा देखना चाहती थीं, जो सुन नहीं सकते और बोल नहीं सकते. डॉ. सोनम ही इस रेस्तरां की मालिक हैं.
किसानों के बच्चे करते हैं काम
Terrasinne in Pune in Hindi: इस रेस्तरां की ख़ास बात ये है कि यहां काम करने वाले दिव्यांग जन महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसान परिवारों से संबंध रखते हैं और सभी की उम्र 21 वर्ष से ऊपर है. यहां 12 दिव्यांग पूरे रेस्तरां को संभालने का काम करते हैं. Dr. Sonam Kapse के अनुसार, रेस्तरां के लिए इन किसानों से ऑर्गेनिक खाद्य सामग्रियों ख़रीदी जाती है, जिसमें बाजरा भी शामिल है.
ये भी पढ़ें: हज़ारों दिव्यांगो का जीवन बदलने वाले प्रशांत की कहानी, #ShavingStereotypes का एक Perfect उदाहरण है
यहां का Menu भी है ख़ास
यहां का मेनु भी बड़े ख़ास तरीक़े से डिज़ाइन किया गया है. मेनु के हर पेज़ में Indian Sign Language का इस्तेमाल किया गया है. हर डिश के साथ ख़ास साइन बना है, जिसका इस्तेमाल कर ख़ाना ऑर्डर किया जा सकता है. नॉन वेज खानों के लिए अलग साइन और वेज खानों के लिए अलग साइन.
काफ़ी बारीकी से इस मेनु को डिज़ाइन किया है, ताकि ऑर्डर लेने और देने वाले को कोई दिक्कत न आए.
उत्साह दिखता है यहां काम करने वालों में
Restaurant Run by Specially Abled People: यहां काम करने वाली परवीन का कहना है कि मैं यहां काम करके बहुत ख़ुश हूं. हालांकि, यहां आने वालों से बात करने में वक़्त लगता है, क्योंकि वो मेरी भाषा सीख रहे हैं. परवीन यहां काम करने से पहले एक Beauty Specialist के तौर पर काम कर रही थीं.
ये भी पढ़ें: अपनी दिव्यांग बच्ची को खाना खिलाने के लिए पिता ने बनाया ‘मां रोबोट’, ताकि बेटी समय पर खाना खा सके