भूकंप (Earthquake) आते ही सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगते हैं या फिर कोई सुरक्षित स्थान की तलाश करते हैं. मगर कुछ बदनसीब होते हैं जो इस प्राकृतिक आपदा का शिकार हो जाते हैं. ऐसे लोगों को तलाश मलबे में से बाहर निकालना बहुत मुश्किल काम होता है.
घर-फ़ैक्ट्री आदि के मलबे तले दबे लोग जीवन-मृत्यु की लड़ाई लड़ रहे होते हैं और उन तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं चूहे. कैसे, चलिए आपको बताते हैं.
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भूकंप के मलबे में दबे इंसान के पास चूहे (Rats) का पहुंचना पहली बार में थोड़ा अजीब लग सकता है, हो सकता है चूहा इंसान को ही कुतरने या काटने लगे. मगर वैज्ञानिक ऐसे चूहों पर काम कर रहे हैं जो ऐसे लोगों की पहचान कर उन तक बचाव कर्मियों को पहुंचा सकते हैं.
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हीरो रैट्स प्रोजेक्ट (Hero Rats)
Dr. Donna Kean, अफ़्रीका में चूहों पर आधारित इस स्पेशल प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं. इस प्रोजेक्ट का नाम इन्होंने हीरो रैट्स (Hero Rats) रखा है. इसके तहत वो चूहों को इस तरह से ट्रेन कर रही हैं कि वो मलबे में फंसे शख़्स तक पहुंचकर रेस्क्यू टीम को उनकी जानकारी दे सकें.
चूहों पर लगी है ख़ास प्रकार की बेल्ट
इन चूहों पर एक ख़ास प्रकार की बेल्ट लगी है जिसमें माइक्रोफ़ोन, कैमरा और GPS लगा है. यानी ये चूहे छोटे-छोटे रास्तों से होकर पीड़ित तक पहुंच उसके लिए मदद बुलाने का काम कर सकते हैं. चूहे चुस्त और हर वातावरण में सर्वाइव कर जाने वाले होते हैं. ये इस काम के लिए परफ़ेक्ट हैं.
Dr. Donna के अनुसार 170 चूहे इस प्रोजेक्ट के तहत ट्रेन किए जा रहे हैं. इनमें से कुछ को लैंडमाइन्स का पता लगाने और तपेदिक जैसी बीमारियों को सूंघ कर पता लगाने के लिए ट्रेन किया जा रहा है. Dr. Donna का कहना है कि उन्होंने 7 चूहों को 2 सप्ताह में ही ट्रेन कर दिया था.
फ़िलहाल इन चूहों का वास्तविक आपदा से सामना नहीं हुआ है, लेकिन मलबे के कुछ ढेरों में इन्होंने जाकर बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है. डॉक्टर Donna ने एक इंटरव्यू में बताया कि तुर्की की सरकार के साथ इनका समझौता हुआ है. अगर वहां पर भूकंप आता है तो इन चूहों का इस्तेमाल रेस्क्यू मिशन के लिए किया जाएगा.
अगर इनका ये पायलट प्रोजेक्ट कारगर साबित हुआ तो ये बचाव अभियान कार्यक्रम में तेज़ी लाने के साथ ही नई क्रांति ला सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के मलबे में दबा इंसान कुछ सप्ताह तक जीवित रह सकता है अगर वो ज़्यादा घायल न हुआ हो. हैती में आए एक भूकंप में एक शख़्स कई सप्ताह तक ज़िंदा रहा था. उसने इस दौरान सीवेज का पानी पीकर ख़ुद को बचाने की कोशिश की थी.
अगर ये एक्सपेरिमेंट कामयाब रहा तो भविष्य में चूहे इंसानों की जान बचाते दिखाई देंगे.