1980 के दशक में सिंगापुर(Singapore) का तेजी से शहरीकरण हुआ और अब ये दुनिया के सबसे विकसित और घनी आबादी वाले देशों में से एक है. यहां चारों तरफ गगनचुंबी इमारतें दिखाई देते हैं. मगर सिंगापुर के कंक्रीट के जंगल के बीच एक छोटा-सा हरा-भरा पारंपरिक गांव भी है. इसे सिंगापुर का आख़िरी गांव भी कहा जाता है, जहां मुट्ठी भर लोग सरल और सांप्रदायिक सद्भाव के साथ जीते हैं.
ये भी पढ़ें: ऐसी 12 अजीब और हैरतअंगेज़ चीज़ें जिनका अनुभव आप केवल सिंगापुर में ही कर सकते हैं
1954 में हुई थी स्थापना
हम बात कर रहे हैं सिंगापुर के Kampong Lorong Buangkok गांव की. इस गांव की स्थापना 1954 में हुई थी. आज की तारीख़ में ये सिंगापुर का आख़िरी गांव बचा है. मलय भाषा में गांव को Kampong कहते हैं. इस गांव के आस-पास का इलाका तेज़ी से शहर के रूप में विकसित हो गया है, लेकिन ये आज भी वैसा ही है जैसा 67 साल पहले था.
ये भी पढ़ें: सिंगापुर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखना, नहीं तो जेल हो जाएगी
ये पहले एक दलदल एरिया था
आज से 4-5 दशक पहले सिंगापुर में ऐसे बहुत से गांव थे, लेकिन वो धीरे-धीरे ख़त्म हो गए. इस गांव को Sng Mui Hong के पिता ने बसाया था. ये पहले एक दलदल एरिया था जहां 2-4 घर बने थे. Hong के पिता ने इसे संवारा और लोगों के रहने लायक बनाया. फ़िलहाल यहां पर 30 परिवार रहते हैं, जिनसे Hong किराया लेती हैं. इनमें से अधिकतर मलय और चीनी लोग हैं. यहां पर एक मस्जिद भी है जिसमें मुस्लिम नमाज पढ़ने आते हैं.
Hong का कहना है कि जिस तरह वर्षों पहले लोग गांव में एक दूसरे के साथ मिलकर रहते थे वैसे ही यहां के लोग आज भी रहते हैं. उनका कहना है कि वो इसे कभी नहीं बेचेंगी क्योंकि यहां से उनके परिवार की यादें जुड़ी हैं. यहां पर बिजली, पानी और सीवेज की व्यवस्था सरकार ने की है. इसकी कुछ ज़मीन का हिस्सा सरकार भी इस्तेमाल कर रही है. यहां रहने वाले लोग पास के अस्पताल और फ़ैक्टरीज़ में काम करते हैं.
टूरिस्ट्स की लगी रहती है भीड़
1996 में Hong ने इसे टूरिस्ट्स के लिए खोल दिया था. सिंगापुर के इस एकमात्र गांव को देखने हर साल हज़ारों टूरिस्ट आते हैं. सिंगापुर की ऊंची-ऊंची बिल्डिंग्स के बीच बसे इस गांव को देख सभी चकित रह जाते हैं. इस गांव के घर की छतें टिन की चादर या फिर पुराने तरीके से बनी हैं, लेकिन फिर भी वो देखने में बहुत ही ख़ूबसूरत लगते हैं.
अगली बार सिंगापुर जाना तो यहां ज़रूर हो आना.