राजस्थान की छोटी सी ‘पंसारी की दुकान’ कैसे बनी लोगों के घर का ब्रांड, जानिए

Kratika Nigam

Success Story Of Pansari Group:शुरुआत छोटी या बड़ी ये फ़र्क़ नहीं पड़ता, ज़रूरी होता है शुरुआत करना. वो एक छोटी दुकान से या हो रेड़ी से, कहीं बड़े मॉल से हो या कसी बड़ी दुकान से. एक बात जो हमेशा ध्यान रखो चोटी शुरुआत करने पर कभी शर्मिंदा मत होना, छोटी चीज़ें ही अक्सर बड़ी सफलती का रास्ता होती है. ऐसी ही कुछ कहानी है पंसारी ग्रुप (Pansari Group) की, जिन्होंने राजस्थान में एक छोटी सी किराना दुकान से शुरुआत की थी. मगर आज अपनी मेहनत और लगन से FMCG (Fast-Moving Consumer Goods) का एक जाना-माना नाम बन चुका है.

Image Source: news18

पंसारी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर शम्मी अग्रवाल है और इनका FMCG व्यापार का टर्नओवर 1000 करोड़ रुपये से ज़्यादा है.

Success Story Of Pansari Group

ये भी पढ़ें: T. V. Sundram: वो तमिल ब्राह्मण, जिसने वक़ालत छोड़ अंग्रेज़ों के दौर में शुरू की ऑटोमोबाइल कंपनी

पंसारी ग्रुप की नींव 1940 में शम्मी अग्रवाल के दादा जी ने राजस्थान के पावटा में छोटी सी दुकान में रखी थी. इस दुकान का नाम ‘पंसारी की दुकान’ था. उस दौर में कंपनी का काम अलवर, राजस्थान और कोलकाता में होता था, जहां रोज़ 500 मीट्रिक टन से अधिक की उत्पादन क्षमता थी और कंपनी अपने प्रोडक्ट को पूरे भारत और विदेशों में बेचती थी. फिर 1960 के दशक में शम्मी के दादाजी कोलकाता शिफ़्ट हो गए और वहां पर उन्होंने तिल और सरसों का थोक का बिज़नेस शुरू किया. हालांकि, 1980 के दशक में उनका तिल का बिज़नेस ठप पड़ गया तब उन्होंने बीज का बिज़नेस छोड़ उन्हीं बीज से बने वाले तेल पर फ़ोकस किया.

Image Source: jagranimages

दादाजी के बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए 1990 में शम्मी के पिता दिल्ली आ गए और किराए पर फ़ैक्टरी लेकर खाद्य तेल बनाने का काम शुरू किया. इसके बाद, इन्होंने अगला क़दम उठाते हुए ट्रेडिंग से मैन्युफ़ेक्चरिंग में क़दम रखा. 1990 से लेकर 2005 तक पंसारी ग्रुप ने अपनी 7 यूनिट लगाई. साल 2010 में शम्मी अग्रवाल भी इस बिज़नेस में उतरे और इन्होंने अपने दादा जी और पिता जी के बिज़नेस को एक ब्रांड बनाने का सोचा.

Image Source: forbesindia

शम्मी के बिज़नेस जॉइन करने तक पंसारी ग्रुप सरसों के तेल का कारोबार कर रहा था और थोक और रिटेल में अपनी साख जमा चुका था. इसे शम्मी ने ब्रांडिंग कर पंसारी सरसों तेल किया और मार्केट में लॉन्च किया. फिर इसे बिज़नेस टू कंज़्यूमर के तहत लोगों तक पहुंचाया और उस साल 2010-11 में पंसारी ग्रुप ने 180 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया.

Image Source: moneycontrol

ये भी पढ़ें: कभी जंग लगे सामानों से बनते थे Adidas के जूते, जानिए कैसे तय किया एक बड़े Brand तक का सफ़र

पंसारी ग्रुप धीरे-धीरे अपने पांव पसार रहा था, लेकिन पांव को कई बार चोट भी लगी क्योंकि उस समय मार्केट में फ़ॉर्चून और आईटीसी जैसी बड़ी कंपनियां पंसारी ग्रुप के सामने खड़ी थीं. शम्मी ने बिना किसी से डरे अपनी बिज़नेस टू कंज्यूमर स्ट्रेटजी को अपनाते हुए प्रोडक्शन बढ़ाया और पंसारी ब्रांड को रिटेलर तक पहुंचाया. वहां भी उन्हें थोड़े झटके लगे क्योंकि कई रिटेलर ने माल तो उटा लिया लेकिन पेमेंट नहीं की, जिससे कंपनी को 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान हुआ.

Image Source: twimg

शम्मी को लोगों की बातें भी सुननी पड़ी मगर वो निरंतर प्रयास करते रहे. उन्होंने 5 साल तक ब्रांडेड सरसों तेल पर फ़ोकस किया. साल 2016 से पंसारी ब्रांड के कई प्रोडक्ट मार्केट में उतारे गए, धीरे-धीरे कंपनी ने अपनी पहचान बनाई और आज के समय कंपनी 57 देशों से ज़्यादा FMCG प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट करती है.

Image Source: pinimg

foodtechbiz के अनुसार, अपनी कंपनी के Instant Mix Range के बारे में बात करते हुए पंसारी ग्रुप के निदेशक शम्मी अग्रवाल कहते हैं,

हम हर घर के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो एक ब्रांड के तहत लोगों की सुविधा पर भी काम करता है. हमारे द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों को आसानी से घर पर पकाया जा सकता है और ये बाहर के खाने जैसा स्वादिष्ट भी है. हम अपना एक नया प्रोडक्ट लॉन्च कर रहे हैं INDIMIX, जो घर पर ही आपको बाहर के खाने का स्वाद देगा. और ये आपका समय भी बचाएगा.

Image Source: assettype

आपको बता दें, पंसारी ग्रुप की ग्रोथ रेट 35% सालाना है. अब इस साल कंपनी का लक्ष्य 50% की बढ़ोत्तरी करने का है. पंसारी ग्रुप दिल्ली एनसीआर में एक ही जगह पर कई प्रोडक्ट वाली नई फैक्टरी लगाने की सोच रही है. इस फैक्टरी में एक फ़ूड पार्क भी बनाया जा सकता है.

आपको ये भी पसंद आएगा
कोलकाता में मौजूद British Era के Pice Hotels, जहां आज भी मिलता है 3 रुपये में भरपेट भोजन
जब नहीं थीं बर्फ़ की मशीनें, उस ज़माने में ड्रिंक्स में कैसे Ice Cubes मिलाते थे राजा-महाराजा?
कहानी युवा क्रांतिकारी खुदीराम बोस की, जो बेख़ौफ़ हाथ में गीता लिए चढ़ गया फांसी की वेदी पर
बाबा रामदेव से पहले इस योग गुरु का था भारत की सत्ता में बोलबाला, इंदिरा गांधी भी थी इनकी अनुयायी
क्या है रायसीना हिल्स का इतिहास, जानिए कैसे लोगों को बेघर कर बनाया गया था वायसराय हाउस
मिलिए दुनिया के सबसे अमीर भारतीय बिज़नेसमैन से, जो मुगलों और अंग्रेज़ों को देता था लोन