Success Story Of Sony: एंटरटेनमेंट की दुनिया में सोनी ग्रुप कॉरपोरेशन (Sony Group Corporation) एक बड़ा नाम है. इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स से लेकर टीवी सीरियल, मूवीज़ और गाने Sony हर तरफ़ छाया हुआ है. Sony के कई शोज़ काफ़ी पापुलर रहे हैं फिर वो ‘कॉमेडी सर्कस’ हो या ‘क्राइम पेट्रोल’, ‘बड़े अच्छे लगते हैं’ हो या ‘घर एक मंदिर’. इतना ही नहीं, सोनी मैक्स (Sony Max) की पहचान अगर फ़िल्म सूर्यवंशम को कहें तो ग़लत नहीं होगा. Sony Group Corporation को शॉर्ट में सोनी (Sony) के नाम से जाना जाता है.
क़रीब 7 दशकों से दुनियाभर में फ़ेमस सोनी एंटरटेनमेंट (Sony Entertainment) की शुरुआत से लेकर अभी तक की सफलता की कहानी (Success Story Of Sony) के बारे में जानते हैं. कैसे सोनी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में ही नहीं, बल्कि एंटरटेनमेंट की दुनिया में भी ब्रांड बना?
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Sony की शुरुआत मसरू इबुका (Masaru Ibuka) और अकियो मोरिटा (Akio Morita) ने साल 1946 में की थी. मसरू जापान के रहने वाले थे और इनके पिता एक आर्किटेक्ट थे तो घर में बचपन से ही तकनीकी काम देखा था. इनके पिता तासुकु ने ही जापान का पहला पानी से चलने वाला इलेक्ट्रिक सेंटर बनाया था. मसरू को बचपन से ही इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को इकट्ठा करके उन्हें जोड़-तोड़ करना पसंद था अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान भी मसरू का टेक्नॉलजी में ज़्यादा लगता था.
मिनाटो (Minato) में द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) के दौरान नेवी लेफ़्टिनेंट मसरू को सैन्य प्रौद्योगिकी विभाग में भेज दिया गया. यहीं पर इनकी मुलाक़ात Akio Morita से हुई. अकीओ नौसेना में Weapons Researcher थे. युद्ध ख़त्म होने के बाद जापान में रोज़गार को लेकर मुसीबत खड़ी होने लगी. ऐसे में मसरू और अकीओ दोनों ही रोज़गार ढूंढ रहे थे. इसलिए 1946 में इबुका ने शिरोकिया डिपार्टमेंटल स्टोर (Shirokiya Departmental Store) जहां रेडियो रिपेयर होता था वहां नौकरी कर ली. अक्टूबर में इबुका ने अपनी टीम के साथ मिलकर Tokyo Tsushin Kenkyujo बनाया, जिसे Totsuken भी कहा जाता है शॉर्ट में TTK कहा जाता है.
इसी विश्व युद्ध के बाद न्यूज़पेपर के आर्टिकल को पढ़कर अकीओ, मसरू के काम से काफ़ी इम्प्रेस हुए और उन्हें कॉन्टैक्ट किया. फिर 1946 में दोनों ने 500 डॉलर उधार लेकर अपना बिज़नेस शुरू किया. इनका लक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में अपनी जगह बनाना था. वर्ल्ड वॉर में टेक्नॉलजी में पिछड़े जापान को फिर से ऊपर उठाने के लिए दोनों ने टोक्यो संचार प्रयोगशाला स्थापित की यही 1958 में Sony बन गया.
इन्होंने शुरुआत में राइस प्रेशर कुकर बनाया, जो पूरी तरह से फ़्लॉप रहा. 1950 में कंपनी ने जापान का पहला टेप रिकॉर्डर लॉन्च किया. फिर 1955 में पहला ट्रांजिस्टर रेडियो TR-55 लॉन्च किया. इसके बाद 1960 में सोनी ने दुनिया का पहला ट्रांजिस्टर टेलीविजन बनाकर इतिहास रच दिया. 1950 से इतने सारे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स बनाने के बाद सोनी अमेरिका के मार्केट में फ़ेमस होने लगा.
1968 में कलर टीवी सेट ट्रिनिट्रॉन की पेशकश के बाद सोनी की लोकप्रियता आसमान छूने लगी. इनके सारे विरोधियों के लिए कॉम्प्टीशन तब और बढ़ गया जब सोनी ने 1970 के दशक में वॉकमेन लॉन्च किया. ये पहला पोर्टेबल कैसेट प्लेयर था. इसके बाद, सन् 1991 में गेमिंग कंसोल प्ले स्टेशन (Gaming Console Playstation) लॉन्च किया और इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में उभरकर सामने आया. गेमिंग कंसोल के अलावा, कंपनी टीवी, डिजिटल कैमरा, स्मार्टफ़ोन आदि बेचती है.
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1980 के दशक की मंदी में सोनी ग्रुप भी प्रभावित हुआ तब सोनी ने 1991 में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा, जिसमें मूवी और सोनी म्यूज़िक लॉंच किया. इसके ब्रांड एंबेसेडर फ़ेमस स्टार्स माइकल बी. जॉर्डन, डेविड गुएटा, बारबरा पल्विन, दीपिका पादुकोण, आईयू, करीना कपूर, महेंद्र सिंह धोनी, कैटरीना कैफ़ और सचिन तेंदुलकर थे. 2022 तक Sony की नेट वर्थ 81.75 बिलियन डॉलर की थी और 2023 में 110 बिलियन डॉलर हो गई है.