Success Story: जानिए कैसे एक आर्मी ऑफ़िसर ने पत्नी के नाम पर रखी ‘The Leela Hotel की नींव

Kratika Nigam

The Leela Hotel Success Story: द लीला होटल VIP और 5 Star होटल्स में से एक है, जो अपने खाने, सुविधाएं, सर्विसेज़, इंफ़्रास्ट्रक्चर और इंटीरियर के लिए जाना जाता है. इस होटल में एक से बढ़कर एक वीआईपी और सेलिब्रिटि रुकते हैं. The Leela Hotel अपने अंदाज़ के लिए देशभर में फ़ेमस है. आज इनके देशभर में 11 लग्ज़री होटल और महल हैं.

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The Leela Hotel देश का इतना प्रसिद्ध और लग्जीरियस होटल कैसे बना, इसकी नींव किसने रखी, ये तो जानना ज़रूरी है. तो चलिए द लीला होटल, पैलेस और रिसॉर्ट (The Leela Hotel Success Story) की शुरुआत के बारे में जानते हैं.

पिछले 4 दशकों से वर्ल्ड क्लास सर्विस देने वाले द लीला होटल की शुरुआत सीपी कृष्णन नायर (C.P. Krishnan Nair) ने की थी. इनका पूरा नाम चित्तरथ पूवाकट्ट कृष्णन नायर था जिनका जन्म केरल के कन्नौर में 9 फरवरी, 1922 को हुआ था. इनके पिता का नाम अप्पू नायर था, जो ब्रिटिश सरकार में बिल कलेक्टर के पद पर थे और मां एक किसान थीं.

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भले ही घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन इनकी मां ने इन्हें शिक्षा देने में कोई कमी नहीं रखी. जब वो एक दिन स्कूल में थे तो तभी वहां पर चिरक्कल के महाराज आए, जिनके लिए कृष्णन ने ख़ुद लिखी एक कविता पढ़ी. उस कविता से महाराज ख़ुश हो गए और कृष्णन को ताउम्र के लिए स्कॉलरशिप दे दी. पढ़ाई पूरी करने के बाद 20 साल की उम्र में उन्होंने आर्मी ज्वाइन कर ली और बेंगलुरू चले गए.

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शुरुआती दौर में इनकी तैनाती पाकिस्तान के एबटाबाद में वायरलेस ऑफ़िसर के तौर पर हुई. भर्ती तो हो गई लेकिन उसके कुछ समय बाद ही इन्होंने इस्तीफ़ा दिया और वापस आकर केरल में राशन वितरण प्रणाली से जुड़ गए. यहां पर भी नहीं टिके और स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ने के बाद फिर वापस आर्मी ज्वाइन कर ली इस बार इन्हें मराठा लाइट इंफ़ेंट्री रेजिमेंट के कैप्टन का पद मिला.

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कृष्णन जब आर्मी में थे उसी दौरान 1951 में उनकी शादी कन्नौर के एक बिज़नेसमैन की बेटी लीला से हो गई. शादी के बाद फिर उन्हें आर्मी से इस्तीफ़ा देना पड़ा और वो इस्तीफ़ा देकर आए और ससुर के हैंडलूम बिज़नेस को बतौर सेल्स एजेंट ज्वाइन किया. 1958 में, उनके यौगदान से हैंडलूम के बिज़नेस को बड़ी सफलता मिली. कृष्णन ने Brooks Brothers के साथ मिलकर ‘Bleeding Madras Fabric’ लॉन्च किया. इनके कस्टमर्स में Tommy Hilfiger, Wal-Mart और Macy जैसे बड़े नाम शामिल थे. लॉन्च के बाद, कृष्णन ने सहार, मुंबई, महाराष्ट्र में Lace-Weaving की स्थापना की. इतना ही नहीं, All India Handloom Board की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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इस बिज़नेस की वजह से वो कई बार विदेशों के चक्कर लगाते थे, तभी उनके मन में एक लग्ज़री होटल खोलने का आइडिया आया, लेकिन उस दौर में इनके सामने ताज, ITC और ओबेरॉय जैसे लग्ज़री होटल अपनी साख मज़बूत किए हुए थे, उसके बावजूद अपनी अलग पहचान बनाने के जुनून के साथ कृष्णन ने 1980 में होटल Leelaventure Limited की शुरुआत की, इसी के तहत, 1983 में पहला होटल खोला.

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ताज, ITC और ओबेरॉय जैसे बड़े होटल्स के सामने द लीला ने अपने लग्ज़ीरियस इंफ़्रास्ट्रक्चर, सर्विसेज़ और सुविधाओं के ज़रिए अपनी एक अलग पहचान बनाई. धीरे-धीरे सफलता की सीढ़ियों को चढ़ने के साथ 1991 में द लीला (The Leela) का दूसरा होटल गोवा में खोला गया. इसके अलावा, अरब सागर और साल नदी (Sal River) के पास एक रिसॉर्ट भी खोला, जो इंटरनेशनल टूरिस्ट को बहुत पसंद आया.

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इसके बाद, साल 2000 में द लीला के फ़ाउंडर ने भारतीय शहरों की ओर बढ़ने की सोची, तब बेंगलुरू, केरल, उदयपुर और गुरुग्राम में अपनी होटलचेन शुरू की. 2019 में कनाडा की Brookfield Asset Management ने द लीला को 3,950 करोड़ रुपये में ख़रीद लिया, लेकिन आज भी द लीला होटल, रिसॉर्ट और पैलेस जाने-माने होटलचेन में शामिल है.

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