प्राकृतिक सौंदर्य किसे पसंद नहीं होता. कुदरत का दिया हुआ हर एक तोहफ़ा बेहद आकर्षित होता है. कुदरत ने हमें ऊंचे-ऊंचे पहाड़, नदियां, खूबसूरत झरने, विशाल झीलों के अलावा भी बहुत कुछ दिया है. आज हम आपको रूस (Russia) की एक रहस्यमयी झील के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम लेक बैकल (Lake Baikal) है. ये झील मंगोलियाई सीमा के उत्तर में साइबेरिया के पहाड़ियों के मध्य स्थित है. ये ख़ूबसूरत झील अपनी सुंदरता और आकर्षण के लिए दुनियाभर में मशहूर है. लेकिन ये अपने एक अजीबो-ग़रीब रहस्य के चलते हमेशा ही वैज्ञानिकों के शोध का विषय भी बनी रहती है.
चलिए इन 12 तस्वीरों के ज़रिए रूस की इस रहस्य्मयी झील के बारे में सब कुछ जान लीजिए-
1- लेक बैकल दुनिया की सबसे पुरानी, सबसे गहरी और सबसे विचित्र झील मानी जाती है.
2- इस झील के अनोखेपन के कारण इसको ‘बर्ड ऑफ़ रसिया’ भी कहा जाता है.
ये भी पढ़ें- कराकुल झील: दुनिया की एकमात्र झील जो एक दिन में कई बार बदलती है अपना रंग
3- इस झील के ऊपर एक भारी-भरकम पत्थर रखा है, जो किसी कुदरत के करिश्मे से कम नहीं है.
4- अगर झील के नीचे किसी भी तरह का सब्लिमेशन होता है तो उसमें मौजूद वस्तु पानी से ऊपर उठने लगती है.
5- झील में हुये इस सब्लिमेशन की वजह से भारी पत्थर भी हवा में लटकते हुए दिखाई देती हैं.
6- हवा में लटकते ‘जेन स्टोन’ को देखना बेहद दुर्लभ है, प्रकृति का ये हैरान करने वाला नज़ारा अद्भुत है.
7- ये झील 31,722 किमी² में फ़ैली हुई है. इसकी लंबाई 636 किमी और चौड़ाई 80 किमी है.
ये भी पढ़ें- ये है दुनिया की सबसे गहरी और पुरानी झील, 30 तस्वीरों में कै़द है इसकी अदम्य ख़ूबसूरती
8- इस झील के किनारे पर ‘लिस्टविंका’ नाम का एक छोटा सा गांव बसा हुआ है
9- गर्मियों में ये झील वन्यजीवों को देखने के लिए एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन माना जाता है.
10- सर्दियों के समय में ये झील ‘आइस-स्केटिंग’ और ‘डॉग स्लेजिंग’ का केंद्र बन जाती है.
11- ये झील लंबी पैदल यात्रा के रास्तों के एक नेटवर्क से घिरी हुई है जिसे ‘ग्रेट बैकाल ट्रेल’ कहा जाता है.
12- सर्दियों के मौसम में इस झील में जब बर्फ़ जमती है तो वो अलग-अलग आकृतियों में तब्दील हो जाती है.
NASA के रिसर्च साइंटिस्ट जेफ़ मूर का कहना है कि, ये परिभाषा ग़लत है कि बर्फ़ के जमने से ये पत्थर ऊपर टिक गए है, क्योंकि झीले के अंदर तक बर्फ़ नहीं जमती, बल्कि ऊपर जमती है. नीचे पानी का बहाव होता है और बहता हुआ पानी किसी भी भारी वस्तु को ज़्यादा नहीं हिला सकता जब तक बहाव में तेज़ न हो.
ये भी पढ़ें- नर-कंकालों से भरी उत्तराखंड की रूपकुंड झील की सच्चाई, आज भी लोगों के लिए रहस्य है