हमारी ज़िन्दगी में रोज़ कई छोटी-मोटी घटनाएं घटती हैं. कब, कहां, कैसा और क्या हो जाए कोई नहीं जानता. विज्ञान और तकनीक जितना भी विकास कर ले, छोटी से छोटी चीज़े भी भारी परेशानी का सबब बन सकती हैं.
जवाब कुछ यूं मिले-
हमने भी अपने सहकर्मियो के सामने सवाल दोहरा दिया और जवाब ये रहे-