ये हैं अमृतसर के वो 10 मंदिर-गुरुद्वारे, जहां जाकर आपको अपार शांति का अनुभव होगा

J P Gupta

अमृतसर उत्तर भारत का एक फ़ेमस टूरिस्ट स्पॉट होने के साथ ही कई धार्मिक स्थलों का भी शहर है. यहां हिंदू और सिख धर्म से जुड़े कई मंदिर और गुरुद्वारे मौजूद हैं. अगर आप भी अमृतसर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको इन जगहों पर ज़रूर जाना चाहिए. यहां जाकर आपको अपार शांति का अनुभव होगा. 

1.गोल्डन टेंपल 

अपने टूर की शुरूआत आप स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने से ही करें. यहां पर जाकर आपको अपार शांति महसूस होगी. आप चाहें तो लंगर में खाना खाकर यहां बने सरोवर में स्नान भी कर सकते हैं.

2.अकाल तख़्त 

हरमिंदर साहब परिसर(गोल्डन टेंपल) में बना अकाल तख़्त परमात्मा के पांच तख़्तों में से एक है. सिख धर्म में इसे पवित्र माना गया है. यहां से सिख धर्म के पालन और मार्गदर्शन की घोषणा की जाती है. 

3.मंदिर माता लाल देवी 

ये मंदिर एक महिला संत माता लाल देवी को समर्पित है. इसका डिज़ाइन वैष्णो देवी माता के मंदिर से मिलता-जुलता है. ऐसी मान्यता है कि यहां जाने वाले निसंतान दंपतियों की गोद भर जाती है.

4. श्री दुर्गियाना मंदिर 

अमृतसर का ये मंदिर माता दुर्गा को समर्पित है. इसकी वास्तुकला और लुक गोल्डन टेंपल से काफ़ी मिलता-जुलता है. इसे लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

5. इस्कॉन टेंपल 

अमृतसर का इस्कॉन मंदिर देश के दूसरे इस्कॉन मंदिरों से छोटा है, लेकिन फिर भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. राधा-कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में आप भजन कीर्तन का लुत्फ़ उठा सकते हैं. यहां हर रोज़ लंगर भी खिलाया जाता है.

6. बड़ा हनुमान मंदिर

दुर्गियाना मंदिर से कुछ दूर पर स्थित है भगवान हनुमान को समर्पित ये मंदिर. यहां पर श्रद्धालू रामायण-हनुमान चालीसा आदि का पाठ करते दिखाई दे जाएंगे. मंदिर परिसर में बंदरों का भी आना-जाना लगा रहता है. 

7. मां भद्रकाली मंदिर 

माता काली को समर्पित इस मंदिर में भद्रकाली के भक्तों की लाइन लगी रहती है. यहां हर साल भद्रकाली जयंती भी मनाई जाती है. इस मंदिर में मां काली के दर्शन करने दूर-दूर से कट्टर काली भक्त पधारते हैं. 

8. राम तीर्थ और वाल्मीकि मंदिर 

ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में ही भगवान राम के पुत्र लव-कुश का जन्म हुआ था. वाल्मीकि के इस मंदिर में ही सीता माता राम जी के त्यागने के बाद आकर रुकीं थीं. इसलिए इस मंदिर में भी भक्तों की भीड़ लगी रहती है. 

9. गुरुद्वारा बाबा अटल राय जी साहिब 

ये गुरुद्वारा सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद साहिब जी के बेटे अटल राय जी की याद में बनाया गया था. 18वीं सदी में इस 9 मंजिले गुरुद्वारे का निर्माण किया गया था. ऐसा कहा जाता है कि बचपन में अटल साहिब जी ने सांप द्वारा डसे गए एक बच्चे को जीवित कर दिया था. प्रकृति के ख़िलाफ जाने के लिए उनके पिता बहुत दुखी हुए थे. इसके बाद अटल साहिब जी ने तपस्या की थी और अपने प्राण त्याग दिए थे. 

10. शिवाला भाग भाइयां दा मंदिर 

भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर यूपी से आए दो भाइयों ने बनवाया था. इसलिए इसका नाम शिवाला भाग भाइयां दा मंदिर पड़ गया. यहां शिवरात्री के दिन भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलती हैं. 

इस बार अमृतसर जाना तो जलियावाला बाग और वाघा बॉर्डर के अलावा यहां भी घूम आना.

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