कहीं ‘बिच्छू होली’ तो कहीं खेली जाती है ‘जूता मार होली’, भारत में काफ़ी फ़ेमस हैं ये 8 अनोखी होली

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Holi Festival Celebrated In India: रंगों का त्योहार होली (Holi) नज़दीक है. ऐसे में देशभर में होली के जश्न की तैयारियों ज़ोरों पर हैं. भारत में होली का त्योहार बेहद धूम-धाम से मनाया जाता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में रंगों के इस त्योहार को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. कोई गुलाल उड़ाता है तो कहीं चलती है रंगों की पिचकारी. इस दौरान कुछ लोग तरह-तरह की मिठाइयों खाकर भी इसका लुत्फ़ उठाते हैं. भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में होली से जुड़ी अलग-अलग मान्यताएं भी हैं. हमारे देश में इतनी अनेकता है कि त्यौहार मनाने के तौर-तरीक़ो में भिन्नता तो स्वभाविक है. इसीलिए आज हम आपके लिए देशभर से होली मनाने के कुछ अनोखे रीति-रिवाज़ लेकर आये हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जायेंगे. (Unique Holi in India)

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चलिए जानते हैं भारत में कहां-कहां और किस प्रकार की अनोखो होली cसेलिब्रेट की जाती हैं-

1- रंग लगाने के बाद मुस्लिमों को देते हैं गाली

यूपी के पीलीभीत स्थित शेरपुर गांव में होली के दिन हिन्दू अपने मुस्लिम भाईयों को रंग लगाने के बाद उन्हें गाली देते हैं. अच्छी बात ये है कि मुसलमान इससे नाराज नहीं होते हैं, बल्कि हंस कर होली की बधाई देते हैं. मुस्लिमों को रंग लगाने और गाली देने के बाद हिंदुओं को बदले में उन्हें नजराना मिलता है. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि होली की ये परंपरा नवाबी दौर से चली आ रही है. पीढ़ियां बदल गईं, लेकिन रिवाज आज भी कायम है. इस गांव की आबादी क़रीब 45 हज़ार के आसपास है. इसमें से हिन्दुओं की आबादी केवल ढ़ाई हज़ार है. (Unique Holi in India)

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2- सैंथना की ‘बिच्छू होली’

उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िला में स्थित सैंथना ऐसा गांव है जहां होली के मौक़े पर बिच्छुओं की पूजा-अर्चना की जाती है और इनके साथ होली खेली जाती है. सैंथना गांव में लोगों को विश्वास है कि इस दिन बिच्छू उन्हें डंक नहीं मारते और वे बिच्छुओं के साथ अनोखे तरीक़े से होली मनाते हैं. ताखा तहसील क्षेत्र के सैंथना गांव के लोग होली के पड़वा के दिन, भैसान देवी के टीले पर चढ़ते हैं और टीले पर ही सैंकड़ों बिच्छू निकालते हैं. इस दौरान बच्चे, बड़े, बूढ़े बिच्छुओं को हाथ पर लेकर घूमते हैं. बिच्छू लोगों के शरीर पर रेंगते हैं और लोग भी बेफ़िक्र रहते हैं. (Unique Holi in India)

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3- जूता मार होली

यूपी के शाहजहांपुर ज़िले में होली के मौके पर जूता मार होली खेली जाती है. ये अनोखी होली अंग्रेज़ों के प्रति अक्रोश प्रकट करने के लिए खेली जाती है. इसकी शुरुआत ब्रिटिशकाल के दौरान हुई थी जो आज तक चली आ रही है. इस दौरान अंग्रेज़ों के शासनकाल का विरोध जताने के लिए ‘लाट साहब’ को ‘भैंसा गाड़ी’ पर बैठाकर पूरे शहर में घुमाया जाता है. शहर घुमाने के बाद भैंसा गाड़ी पर बैठे ‘लाट साहब’ को जूते-चप्पल से पीटा जाता है. इस दौरान बच्चे, नौजवान, बूढ़े सभी इसका लुत्फ उठाते हैं. धार्मिक उन्माद और उपद्रव न हो इसलिए इस अनोखी होली को बेहद सुरक्षा के साथ मनाया जाता है. (Unique Holi in India)

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4- चिता की राख की होली

उत्तर प्रदेश का वाराणसी शहर भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है. ‘बनारस’, ‘काशी’, ‘मंदिरों का शहर’, ‘भारत की धार्मिक राजधानी’, ‘भगवान शिव की नगरी’, ‘दीपों का शहर’ और ‘ज्ञान नगरी’ नामों से मशहूर इस शहर में फाल्गुन एकादशी के दूसरे दिन ‘मणिकर्निका घाट’ पर सदियों पुरानी प्रथा के तहत चिता की राख से होली खेली जाती है. शिवभक्त, डमरू स्वर के बीच लोग एक-दूसरे को शमशान की राख लगाते हैं. इस होली को ‘मसान की होली’ के नाम से भी जाना जाता है. (Unique Holi in India)

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5- बरसाना और नंदगांव की ‘लठमार होली’

ब्रज में बरसाना और नंदगांव में खेली जाने वाली लठमार होली देशभर में काफ़ी मशहूर है. इस दौरान महिलाएं 1 महीने पहले से ही ‘लठामार होली’ की तैयारियों में जुट जाती हैं और लाठियों को तेल में भिगोकर रख दिया जाता है. इसके बाद होली के दिन महिलाएं पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं और पुरुष ढाल के सहारे लाठियों के प्रहार से ख़ुद का बचाव करते हैं. प्राचीन परंपरा है कि लठामार होली ‘राधा-कृष्ण’ के प्रेम का प्रतीक है. होली खेलने के लिए महिलाएं दूध, दही और माखन का भी सेवन करती हैं. (Unique Holi in India)

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6- पंजाब में ‘होला मोहल्ला’

पंजाब में होली के मौके पर होला मोहल्ला नाम का त्योहार बेहद प्रचलित है. पंजाब के आनंदपुर साहिब में हर साल ‘होला मोहल्ला’ का आयोजन किया जाता है. ये त्योहार पारंपरिक होली से अलग इसलिए है, क्योंकि यहां रंगों से नहीं, बल्कि ‘तलवारबाज़ी’, ‘घुड़ सवारी’ और ‘मार्शल आर्ट’ के ज़रिये होली का त्योहार मनाया जाता है. इस कार्यक्रम के बाद जगह-जगह विशाल लंगर लगाए जाते हैं और सभी को स्वादिष्ट हलवा, पूरी, गुजिया और मालपुआ परोसा जाता है. कहा जाता है कि ‘होला मोहल्ला’ की शुरुआत सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने की थी. आज भी इस त्योहार को पूरे 6 दिन तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. (Unique Holi in India)

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7- मणिपुर की ‘कुटिया होली’  

मणिपुर में होली मनाने का तरीका काफ़ी अलग है. 5 दिन चलने वाले इस त्योहार को याओसांग फ़ेस्टिवल कहा जाता है. इन 5 दिनों में कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दौरान रात के समय स्थानीय लोग ‘कुटिया’ जलाकर होली मानते हैं. इसके बाद गांव के सभी बच्चे घर-घर जाकर चंदा इकट्ठा करते हैं. जबकि दूसरे दिन गांव के मंदिरों में बैंड का आयोजन किया जाता है और सभी जमकर नाचते हैं. आख़िरी दो दिन पानी और रंगों वाली होली खेली जाती है. (Unique Holi in India)

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8- मेवाड़ की ‘शाही होली’

उदयपुर में होली बड़े ही शाही अंदाज़ में मनाई जाती है. इस दौरान दो दिन तक चलने वाले इस त्योहार में मेवाड़ के राजा सभी अतिथियों का स्वागत करते हैं और उन्हें रॉयल सिटी पैलेस लेकर जाते हैं. पहले दिन बॉनफ़ायर के माध्यम से ‘होलिका दहन’ किया जाता है. उदयपुर की इस शाही होली की खासियत ये है कि यहां आपको राजस्थान की पूरी सभ्यता और परंपरा देखने को मिल जाएगी. सभी लोग राजस्थानी कपड़े पहनते हैं और उनके परंपरिक लोकगीत की धुन पर नांचते हैं. वहां आए सभी अतिथियों को शाही भोज भी करवाया जाता है और उसके बाद ढ़ेर सारी आतिशबाज़ी होती है.

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अगर आप भी किसी ऐसी ही अनोखी होली के बारे में जानते हैं तो हमारे साथ शेयर करें.

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