पूर्वोत्तर भारत का वो अनोखा गांव जो दो देशों में बंटा हुआ है, लोगों को मिली है दोहरी नागरिकता

Nripendra

Longwa Village in Nagaland in Hindi: भारत अपनी विविधता में एकता के लिए जाना जाता है. यहां की संस्कृति और यहां का सादा जीवन विश्व के पर्यटकों को यहां आने के लिए मजबूर करता है. वहीं, भारत की चारों दिशाओं में फैले राज्य व गांव अपनी ख़ास जीवनशैली का अनुसरण करते हैं. यहां आपको कई ऐसे गांव मिलेंगे जो अपनी विशेषताओं के लिए विश्व भर में जाने जाते हैं. इसी क्रम में हम आपको पूर्वोत्तर भारत के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भारत के साथ-साथ एक दूसरे देश का भी हिस्सा है. इस गांव के लोगों को दोहरी नागरिकता प्राप्त है. 

आइये, विस्तार से जानते हैं इस भारत के इस अनोखे गांव (Longwa Village in Nagaland in Hindi) के बारे में.  

पूर्वोत्तर भारत का लोंगवा गांव 

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Longwa Village in Nagaland in Hindi: हम जिस गांव की बात कर रहे हैं उसका नाम है लोंगवा, जो पूर्वोत्तर भारत के नागालैंड में मौजूद है. ये आम गांव जैसा ही है, लेकिन एक बात जो इस गांव को अनोखा बनाती है, वो ये कि ये गांव दो देशों में बंटा हुआ है. एक हिस्सा भारत में और दूसरा हिस्सा म्यामार में. गांव के लोगों को दोहरी नागरिकता प्राप्त है और ये आसानी से भारत के साथ-साथ म्यांमार में घूम सकते हैं बिना किसी रोक-टोक के. 

मुखिया के घर से होकर गुज़रती है अंतरराष्ट्रीय सीमा 

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Outlookindia के अनुसार, लोंगवा गांव के मुखिया के घर से होकर गुज़रती है अंतरराष्ट्रीय सीमा. ये गांव राज्य के मोन ज़िले में आता है और यहां का मुखिया ही यहां वंशानुगत शासक है, जिसे ‘Angh’ कहा जाता है. 

मुखिया की हैं 60 पत्नियां 

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Longwa Village in Nagaland in Hindi: जानकर हैरानी होगी कि गांव (Dual Citizenship Village) के मुखिया की 60 पत्नियां हैं और म्यांमार और अरुणाचल प्रदेश के क़रीब 70 गांवों में उसका राज चलता है. 

कोन्याक जनजाति का है गांव 

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Outlookindia के अनुसार, इस गांव में कोन्याक नागा जनजाति के लोग रहते हैं, जिसे देश की अंतिम हेडहंटर जनजाति के रूप में जाना जाता है, जो कभी इंसानों का गला काटकर अपने पास रिवार्ड के रूप में रख लिया करती थी, हालांकि 1960 के दशक के बाद से इस जनजाति से ये काम बंद कर दिया है, लेकिन इनका उग्र इतिहास काफ़ी चौंकाने वाला है. 

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चेहरे और शरीर पर टैटू 

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कोन्याक जनजाति (History of Longwa Village) के लोगों के चेहरे और शरीर के बाक हिस्सों पर टैटू नज़र आ जाएंगे, जो इन्हें बाकी जनजातियों से अलग करने का काम करते हैं. वहीं, टैटू और इंसान का गला काटकर रखना इस जनजाति की संस्कृति का अहम हिस्सा था.

History of Longwa Village in Hindi: जनजाति के लोगों का मानना था कि व्यक्ति की खोपड़ी में उसकी आत्मा शक्ति होती है, जो समृद्धि और प्रजनन क्षमता से जुड़ी होती है. आज भी इस जनजाति के कई लोग Brass Skull Necklaces (पीतल की बनी खोपड़ी का हार) पहनें नज़र आ जाएंगे, जो अपनी परंपरा और संस्कृति का दर्शाने का काम करता है.

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