‘Edible Gold’ सदियों से आयुर्वेद का हिस्सा है, जानिए स्वर्ण भस्म का इतिहास और इसके फ़ायदे

J P Gupta

Gold यानी सोना हमारी संस्कृति में बहुत ही गहरी पैठ जमाए है. सोने से सिर्फ़ ज्वैलरी ही नहीं इससे मूर्तिया, इस पर कहानियां और गाने तक लिखे गए हैं. कई मुहावरों में भी इसका इस्तेमाल होता है, इसके अलावा एक और जगह सोने का प्रयोग है वो है फ़ूड यानी खाने में.

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गोल्ड की कुछ किस्मों को खाने के लिए उपयुक्त माना गया है. इसलिए गोल्ड बनी मिठाई, पान और न जाने क्या-क्या आपको खाने को मिल जाता है. चलिए आज विस्तार से जानते हैं उस सोने के बारे में जिसे खाया जा सकता है.   

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खाने योग्य सोना(Edible Gold) क्या है?

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सबसे पहले जानते हैं कि खाने योग्य सोना होता क्या है. Edible Gold सोने की एक ख़ास किस्म है जिसे खाया जा सकता है और हमारा शरीर उसे पचा सकता है. जैसे गोल्ड फ़ाइल, गोल्ड डस्ट, गोल्ड फ़्लेक(परत) आदि. इसे अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा E 175 कोड के तहत खाने योग्य चीज़ों में शामिल किया गया है. सोने को लेदर के पैकेट्स में हथोड़े से पीट-पीटकर पतला कर उसका पाउडर या फिर फ़ॉइल बनाई जाती है. इस तरह खाने योग्य सोना तैयार किया जाता है. 

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खाए जाने वाले गोल्ड का इतिहास 

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जानकारों के मुताबिक हमारे देश में हज़ारों सालों से सोना औषधी के रूप में इस्तेमाल हो रहा है. आयुर्वेद में इसे स्वर्ण भस्म(Swarna Bhasma) के नाम से जाना जाता है. प्राचीन काल से ही स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल च्यवनप्राश में होता आ रहा है. आयुर्वेद(Ayurveda) में इसे बहुत ही गुणकारी बताया गया है.   

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2500 ईसा पूर्व से भारतीय, अरबी और चीनी साहित्य में सोने को बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाने का ज़िक्र है. इतिहास के मुताबिक, अस्थमा, गठिया, मधुमेह और तंत्रिका तंत्र से जुड़े रोगों को सही करने के लिए स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल होता था. वर्तमान में भी इसे खाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसे लोग डिश को डेकोरेट करने के लिए भी करते हैं.  

Edible Gold से बनने वाली डिशेज

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चॉकलेट, पेस्ट्री, केक, पिज़्ज़ा, केक पॉप्प आदि में खाए जाने वाला गोल्ड इस्तेमाल होता है. शेफ़ कुणाल कपूर के अनुसार, मिडिल ईस्ट में तो खाने पर सोने की परत चढ़ाना आम बात है. आपको बर्गर के टॉप, सूशी और ड्रिंक्स में भी सोने की परत चढ़ी मिल जाएगी. मेन कोर्स से लेकर स्टार्टर तक में सोने को खाया जाता है. यही नहीं इंडिया में तो सोने की परत चढ़े पान भी खाए जाते हैं.

क्या खाने वाले गोल्ड में मिलावट हो सकती है?

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शेफ़ कुणाल कपूर ने बताया कि खाने वाले गोल्ड में मिलावट हो सकती है. इनमें टिन, एल्यूमीनियम जैसी अन्य धातुओं को मिलाया जा सकता है. इसलिए जब तक आपको यकीन न हो की ये एडिबल गोल्ड बनाने वाली कंपनी सर्टिफ़ाइड है तब तक उसे न ख़रीदें. 

खाया जाने वाला गोल्ड शरीर को हानि तो नहीं पहुंचाता.

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सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, आकाश हेल्थकेयर, द्वारका की डॉ. परिणीता कौर के अनुसार, खाने में इस्तेमाल होने वाला गोल्ड 99 फ़ीसदी शुद्ध 24-कैरेट सोना है और ये खाने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है. जब तक गोल्ड को टुकड़ों या ज्वेलरी की शेप में नहीं खाया जाता ये सेफ़ है क्योंकि उनमें नोक या धार होती है जो आपके अंदरूनी शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है.   

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