देश में एक समय ऐसा था जब गांव में छोटे-बड़े फ़ैसले पंचों (चुने गए पांच व्यक्तियों का समूह) द्वारा ही लिए जाते थे. आज भी भारत की कई जगहों पर यह व्यवस्था जारी है, हालांकि ये पूरी तरह से ग़ैर क़ानूनी है. इनमें खाप पंचायत का भी ज़िक्र आता है, जो हमेशा से विवादों में रही है. वैसे क्या आपको पता है खाप पंचायत में खाप का क्या मतलब होता है? इस लेख में हमारे साथ जानिए खाप पंचायत से जुड़ी कुछ अहम बातें और खाप का मतलब.
क्या है खाप पंचायत?
खाप पंचायत एक ग़ैर क़ानूनी पंचायती व्यवस्था है, जिसे सुप्रीम कोर्ट अवैध ठहरा चुकी है. यह प्राचीन समाज का वो रूढ़िवादी हिस्सा है, जो आधुनिक समाज से सामंजस्य नहीं बैठा पाता है. यह पंचायत व्यवस्था हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आज भी सक्रिय है और समय-समय पर तुग़लकी फ़रमान जारी करती रहती है.
महिलाओं और युवाओं का प्रतिनिधित्व न के बराबर
अगर खाप पंचायत का बारीकी से अध्ययन किया जाए, तो पता चलेगा कि इसमें महिलाओं और युवाओं का प्रतिनिधित्व न के बराबर है. वहीं, आंकड़े बताते हैं कि जहां-जहां खाप पंचायत सक्रिय है, वहां लिंगानुपात में एक बड़ा अंतर है. वहीं, इन इलाक़ों में भ्रूण हत्या के मामले देखे जाते हैं. वहीं, इनकी नारी विरोधी मानसिकता भी साफ़ झलकती है. साथ ही पढ़ी-लिखी आधुनिक महिला इनकी आंखों में खटकती है.
कैसे करती है काम
जानकारी के अनुसार, एक गोत्र या बिरादरी के सभी गोत्र मिलकर खाप पंचायत बना सकते हैं. यह पंचायत पांच गांव से लेकर 25 गांवों तक की हो सकती है. वहीं, प्रभावशाली गोत्र या जिस एक गोत्र में लोगों की संख्या अधिक होती है खाप पंचायत में उनका ज़्यादा दबदबा रहता है. वहीं, इसमें वो गोत्र के लोग भी शामिल होते हैं जिनमें लोगों की संख्या कम होती है. जब किसी मसले पर बैठक बुलाई जाती है तब गांव निवासी इसमें शामिल होते हैं. वहीं, जो फ़ैसला खाप पंचायत द्वारा लिया जाता है, उसे पत्थर की लक़ीर माना जाता है.
प्रशासनिक स्वीकृति हासिल नहीं है
खाप पंचायत पारंपरिक पंचायत ही है, जो लंबे समय से चली आ रही है. इन्हें कोई भी प्रशासनिक स्वीकृति हासिल नहीं है.
क्या है ‘खाप’ का मतलब?
चलिए अब आपको बताते हैं खाप पंचायत में ‘खाप’ का क्या मतलब होता है. दरअसल, खाप ‘ख’ और ‘आप’ से मिलकर बना है. इसमें ‘ख’ का मतलब होता है आकाश और आप का मतलब होता है पानी. एक ऐसा संगठन जो आसमान की तरह सर्वोपरि हो और पानी की स्वच्छ. साथ ही सभी लोगों के लिए यह संगठन न्यायकारी हो.