जानिए क्या करें अगर थाने में पुलिस वाला आपकी रिपोर्ट लिखने से मना कर दे

Nripendra

फ़िल्मों में आपने कई बार देखा होगा कि एक भ्रष्ट या पैसों का लालची पुलिस वाला कई बार कमज़ोर लोगों की आपराधिक रिपोर्ट या FIR लिखने से मना कर देता है. ऐसा दोस्तों असल ज़िंदगी में भी किसी के साथ हो सकता है, क्योंकि भारत में भ्रष्टाचार और भेदभाव कोई नई बात नहीं है. वहीं, बिना रिपोर्ट दर्ज हुए पुलिस आपके मामले की जांच नहीं करेगी. तो दोस्तों, इस स्थिति में क्या करना चाहिए, वो हम विस्तार से इस लेख में आपको बताने जा रहे हैं. इस लेख को पढ़ने के बाद आप जान जाएंगे कि एफ़आईआर न लिखने की स्थित में आप कौन से क़दम उठाकर अपनी रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं. 

संज्ञेय और गैर-संज्ञेय अपराध 

unsplash

इस बात को हमेशा याद रखें कि किसी आपराधिक मामले की थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाना आपका अधिकार है. वहीं, ऐसे मामलों में आपकी मदद करना एक पुलिसवाले की ज़िम्मेदारी है. वहीं, अपराध दो प्रकार के होते हैं एक संज्ञेय (जैसे बलात्कार, दंगा, लूट, मर्डर आदि) और दूसरा गैर-संज्ञेय (जालसाजी, उपद्रव या धोखाधड़ी) अपराध. संज्ञेय मामलों में पुलिस द्वारा एफ़आईआर दर्ज करना ज़रूरी हो जाता है. वहीं, गैर-संज्ञेय मामलों में पुलिस विशेष कार्रवाई कर सकती है.  

क्या करें अगर एफ़आईआर दर्ज न हो रही हो? 

nationalheraldindia

जैसा कि हमने बताया कि संज्ञेय मामलों में पुलिस द्वारा एफ़आईआर दर्ज करना ज़रूरी हो जाता है. लेकिन, पुलिस वाला ऐसा नहीं कर रहा है, तो आप उच्च अधिकारी के पास जाकर लिखित शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

CrPC सेक्शन 156 (3) 

sundayguardianlive

अगर उच्च अधिकारी के पास जाकर भी आपकी एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है, तो आप CrPC के सेक्शन 156 (3) के तहत मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट की अदालत में अर्ज़ी देकर अपनी पुलिस रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं. एक मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट के पास ये पावर होता है कि वो रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पुलिस को आदेश दे सकता है.  

ये भी पढ़ें : देश में पहली FIR कब, किसने, क्यों और कहां दर्ज कराई थी, जानना चाहोगे?

पुलिस वाले पर एक्शन 

news18

अगर मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट के आदेश के बाद भी पुलिस वाला रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दे, तो उसके खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार सख़्त एक्शन लिया जाएगा. वहीं, कई बार पुलिस वाले एफ़आईआर लिखने से इसलिए भी मना कर देते हैं, क्योंकि कई ऐसे मामले भी देखे गए हैं जब किसी के खिलाफ़ झूठी एफ़आईआर दर्ज करवा दी गई है. इसलिए, पुलिस बहुत सोच-समझकर एफ़आईआर दर्ज करती है. 

ये भी पढ़ें : किसी ने अगर कर दी हो आपके ख़िलाफ़ झूठी FIR, तो कैसे करें अपना बचाव?

आपको ये भी पसंद आएगा
लॉन्च हो गया है दुनिया का सबसे महंगा ‘लिफ़ाफ़ा’, क़ीमत जानकर ‘मिडिल क्लास’ लोग पकड़ लेंगे माथा
बिरयानी, रसगुल्ला या डोसा नहीं, इस साल लोगों ने Swiggy से सबसे ज़्यादा ऑर्डर की ये डिश
Old Monk: जानिए इस ‘देसी रम’ की बोतल पर किसकी तस्वीर छपी होती है, दिलचस्प है कहानी
ये है दुनिया की सबसे महंगी धूल, करोड़ों रुपये है क़ीमत, सिर्फ़ तीन देशों के पास है इसका स्टॉक
Magic Moments: यूपी में बनी इस देसी वोदका की आज दुनिया है दीवानी, बन चुकी है वर्ल्ड की बेस्ट वोदका
सर्दियों में मिलते हैं ये 10 फूल, इन्हें खाया भी जा सकता है, जिनके हैं ज़बरदस्त फ़ायदे