जानिए, हवाई फ़ायरिंग के बाद उस गोली का क्या होता है?

Kratika Nigam

Bullet Hawai Firing: कभी भौकाली में तो कभी शादी-ब्याह में शान दिखाने के लिए हवाई फ़ायरिंग लोग करते हैं. इसके अलावा, पुलिसवाले भी मुजरिम को डराने के लिए हवाई फ़ायरिंग का सहारा लेते हैं. कई बार फ़िल्मों में भी देखा होगा कि विलेन और हीरो एक-दूसरे पर जमकर हवाई फ़ायरिंग करते हैं और दर्शक ख़ूब तालियां बजाते हैं. मगर कभी सोचा है ये धड़ाधड़ चलने वाली गोलियां जाती कहां है और इनका होता क्या है?

Image Source: telegraphindia

चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं कि हवाई फ़ायरिंग के बाद बुलेट (Bullet Hawai Firing) कहां जाती हैं?

ये भी पढ़ें: Fevicol के ट्यूब या डिब्बे के अंदर वाले चिपचिपे पदार्थ को क्या कहते हैं, कभी सोचा है?

बंदूक की गोली के तीन हिस्से होते हैं, जिसमें आगे वाले हिस्से को बुलेट कहते हैं, बीच वाले को कवर उसी में बारूद भरी होती है. इसके पिछले भाग को प्राइमर कंपाउड कहते है. हवाई फ़ायरिंग करते समय गोली भले ही हवा में जाती हैं, लेकिन गुरुत्वाकर्षण बल के खिंचाव से जब ज़मीन की तरफ़ वापस आती है तो उससे किसी को भी गंभीर चोट लग सकती है.

Image Source: nepallivetoday

हवाई फ़ायरिंग के बाद गोली एक बार घूमने के बाद सीधी दिशा में जाती है. गनशॉट्स के बाद गोली 10,000 फ़ीट की ऊंचाई तक जा सकती है और हवा के कारण इसकी दिशा भी बदलती रहती है. बंदूक से निकलने वाली गोली या कार्टिज जब फ़ायर की जाती है तो बारूद में विस्फ़ोट होता है और गोली का खोखा निकलकर वहीं गिर जाता है जहां पर फ़ायरिंग की गई है. फिर बुलेट बंदूक से बाहर निकल जाती है. गोली, जब फ़ायर की जाती है तो वो गर्म हो जाती है और उसके छर्रे चारों दिशा में फैल जाते हैं. इन छर्रों से जान का ख़तरा रहता है.

Image Source: bhaskarassets

हार्वर्ड विश्वविद्यालय और SETI संस्थान में संयुक्त नियुक्तियों के साथ एक खगोलशास्त्री Matija Cuk ने कहा,

ब्रह्मांड के तेज़ी से हो रहे विस्तार की वजह से गोली कभी नहीं रुकेगी क्योंकि गोली द्रव्यमान की किसी भी गंभीर मात्रा को पकड़ सकती है. इसलिए इसके इस्तेमाल से बचें.

जब आप हवा में गोली चलाते हैं तो इसे नीचे आने में आमतौर पर 20 से 90 सेकंड के बीच का समय लगता है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि इसे किस कोण पर दागा गया था और इसकी गति और क्षमता कितनी थी.

Image Source: columbia

ये भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके ‘पैन कार्ड’ और ‘आधार कार्ड’ का क्या होता है?

साथ ही इसकी दूरी हवा पर और बंदूक क्वालिटी पर भी निर्भर करती है. वहीं, ज़मीन पर आते वक़्त गोली की रफ़्तार धीरे-धीरे कम हो जाती है, लेकिन इसकी वापसी के समय कोई भी चीज़ जो बीच में आ रही है वो गोली से टकरा सकती है. इसलिए ऐसी स्थिति में थोड़ा संभलकर रहें.

Image Source: outdoorlife

आपको बता दें, दुनिया की सबसे तेज़ वाणिज्यिक कार्ट्रिज 220 Swift, 1.9 ग्राम (29 जीआर) बुलेट और 3031 पाउडर के 2.7 ग्राम (42 जीआर) का उपयोग करके 1,422 मी/से (4,665 फीट/सेकेंड) के प्रकाशित वेग के साथ बना हुआ है।

आपको ये भी पसंद आएगा
कोलकाता में मौजूद British Era के Pice Hotels, जहां आज भी मिलता है 3 रुपये में भरपेट भोजन
जानिए अगर Chewing Gum ग़लती से पेट में चली जाए तो क्या होगा?
79 साल के दादाजी ISRO के लिए बनाते हैं रॉकेट मॉडल, करोड़ों में है कमाई, पढ़िए पूरी सक्सेस स्टोरी
हरियाणा के फ़ेमस फ़ूड स्पॉट ‘Murthal’ ढाबा में नहीं मिलता नॉन-वेज खाना, कारण है बहुत दिलचस्प 
इस आलीशान बंगले में रहते हैं ‘गोल्डन बॉय’ नीरज चोपड़ा, 11 Pics में करिये उनके घर की सैर
मिलिए पाकिस्तान के सबसे अमीर शख़्स के बेटे एंटनी रफ़ीक ख़ान से, जिनकी नेट वर्थ जानकर पसीने छूट जाएंगे