Who is Amul Girl: गुजरात के मशहूर बिज़नेसमैन त्रिभुवनदास पटेल ने सन 1948 में अमूल (Amul) की नींव रखी थी. ‘आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड’ यानी ‘अमूल’ एक भारतीय कॉपरेटिव डेयरी है जो गुजरात के आणंद में स्थित है. ये गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फ़ेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) द्वारा प्रबंधित एक ब्रांड है. सन 1970 में ‘श्वेत क्रांति’ के ठीक 3 साल बाद वर्गीज कुरियन (Verghese Kurien) अमूल से जुड़े. डॉ. कुरियन ने सन 1973 से 2006 तक GCMMF के संस्थापक-अध्यक्ष के तौर पर अमूल को फ़र्श से अर्श तक पहुंचाने का काम किया. अमूल भारत का सबसे बड़ा खाद्य ब्रांड बन गया है. भारत के अलावा अब अमूल ने विदेशी बाज़ार में भी क़दम रख लिया है. आज अमूल के उत्पाद 20 से अधिक देशों में उपलब्ध हैं.
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Who is Amul Girl
बात सन 1966 की है. इस दौरान अमूल (Amul) ने ‘अमूल बटर’ के लिए एक ऐड कैंपेन डिज़ाइन करने का फ़ैसला किया. कंपनी ने इसके लिए एक विज्ञापन एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर सिल्वेस्टर दा कुन्हा (Sylvester da Cunha) से संपर्क किया. सिल्वेस्टर भी इस ऐड कैंपेन के लिए तैयार हो गए. अब उनके पास समस्या ये थी कि विज्ञापन किस तरह का होगा और इसमें किसे कास्ट किया जाये. आख़िरकार फ़ैसला लिया गया कि कि विज्ञापन बच्चों से सम्बंधित होगा ताकि हिंदुस्तान के घर-घर में जगह बनाई जा सके.
अमूल Logo और Tagline
अमूल के प्रोडक्ट्स ही नहीं अमूल का Logo भी भारत में काफ़ी मशहूर है. अमूल के Logo में पोल्का डॉटेड फ़्रॉक पहने और नीले बालों की पोनी वाली एक लड़की दिखाई देती है, जिसे ‘अमूल गर्ल’ के नाम से जाना जाता है. ‘अमूल गर्ल’ को ‘अमूल’ के प्रतिद्वंद्वी ब्रांड ‘पोलसन’ की ‘बटर-गर्ल’ की प्रतिक्रिया के रूप में बनाया गया था. इसके पीछे ‘श्वेत क्रांति’ के जनक और ‘गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फ़ेडरेशन लिमिटेड’ के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. वर्गीज कुरियन का दिमाग था. दरअसल, जब अमूल ऐड कैंपेन के हेड सिल्वेस्टर दा कुन्हा को Logo समझ नहीं आ रहा था तो इस दौरान डॉ. कुरियन ने उन्हें Amul Girl का सुझाव दिया था. इसी दौरान अमूल की टैगलाइन ‘Amul The Taste of India’ भी फ़ाइनल की गई थी.
712 बच्चियों में से चुनी गयी थी ‘शोभा’
सिल्वेस्टर दा कुन्हा को ऐड कैंपेन का सब्जेक्ट मिल चुका था, अब वो विज्ञापन बनाने की तैयारी में लग गए. इसके बाद उन्होंने विज्ञापन के लिए देशभर से बच्चों की तस्वीरें मंगवाई. इस दौरान उन्हें 700 से अधिक तस्वीरें मिली, लेकिन इनमें से एक भी बच्चे की तस्वीर ऐड के लिए सेलेक्ट नहीं हो पाई. ऐसे में सिल्वेस्टर दा कुन्हा परेशान हो गये. इस बीच उन्हें याद आया कि केरल में उनके दोस्त चंद्रन थरूर की 2 ख़ूबसूरत बेटियां और 1 बेटा है. सिल्वेस्टर ने अपने दोस्त चंद्रन को फ़ोन कर कहा कि वो उनकी बड़ी बेटी शोभा को अमूल (Amul) के विज्ञापन में लेना चाहते हैं. इस पर चंद्रन पहले तो हैरान रह गए फिर उन्होंने इसके लिए हामी भर दी.
Who is Amul Girl
सिल्वेस्टर दा कुन्हा ने अपने दोस्त चंद्रन थरूर से कहा कि वो जल्द से जल्द शोभा की कुछ तस्वीरें भेज दें. इस दौरान सिल्वेस्टर ने अपने इस ऐड कैंपेन के लिए 712 बच्चों की तस्वीरों में से शोभा की तस्वीर को चुना और शोभा अमूल के इस ऐड कैंपेन का चेहरा बन गईं. बता दें कि चंद्रन थरूर की सबसे बड़ी बेटी का नाम शोभा, दूसरी बेटी का नाम स्मिता, जबकि बेटे का नाम शशि है. ये शशि वही शख़्स हैं जिन्हें आज पूरी दुनिया शशि थरूर (Shashi Tharoor) के नाम से जानती है.
शोभा बन गईं ‘अमूल गर्ल’
सिल्वेस्टर दा कुन्हा ने जल्द ही दिन-प्रतिदिन के मुद्दों से संबंधित सामयिक विज्ञापनों के साथ होर्डिंग्स की एक श्रृंखला के रूप में ऐड कैंपेन तैयार किया. ये ऐड कैंपेन भारत में इतना लोकप्रिय हुआ कि इसने दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाले ऐड कैंपेन के तौर पर ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में अपना नाम दर्ज़ करवाया था. इस तरह से शोभा ‘अमूल गर्ल’ का चेहरा बन गईं और ‘Utterly Butterly Delicious’ ऐड कैंपेन के ज़रिए उन्होंने करोड़ों भारतीयों के दिल जीते. इसके साथ ही ‘थरूर फ़ैमिली’ भी केरल में मशहूर बन गई.
Who is Amul Girl
अमूल (Amul) का थरूर परिवार से जुड़ाव यहीं ख़त्म नहीं हुआ. कंपनी ने जब रंगीन विज्ञापनों की सीरीज़ जारी की तो इन विज्ञापनों के लिए अमूल ने चंद्रन थरूर की छोटी बेटी स्मिता को चुन लिया. स्मिता ही पहली रंगीन अमूल बेबी थीं. उस दौर में ये केरल वासियों के लिए एक बड़ी ख़बर थी. देशभर में ‘अमूल गर्ल’ के तौर पर मशहूर होने के बाद सन 1977 में शोभा थरूर ‘मिस कोलकाता’ बनीं, जबकि स्मिता थरूर ‘मिस इंडिया’ की उपविजेता रहीं.
Who is Amul Girl
केवल शोभा और स्मिता ही नहीं, बल्कि शशि थरूर को भी अमूल के साथ स्पेस शेयर करने का मौका मिल चुका है. शशि थरूर ने जब भारतीय राजनीति में कदम रखा था. इसके कुछ साल बाद वो एक बार अमूल कार्टून पर नज़र आये थे. इस पर शशि थरूर ने चुटकी लेते हुए कहा था, ‘आज अगर मेरे पिता ज़िंदा होते तो अपने बेटे को मुंबई के मरीन ड्राइव में लगे ‘अमूल के होर्डिंग्स’ पर देखकर बेहद ख़ुश होते’.