आख़िर हम ख़ुद को गुदगुदी क्यों नहीं कर पाते? जानिए इसके पीछे की वजह

Abhay Sinha

गुदगुदी. ये वो नंबरीपना है, जो हम सबने कभी न कभी किया है या हमारे साथ हुआ है. आज भी करते ही हैं. किसी के भी अचानक से उंगली कर दो, तो बस आदमी हंसी के मारे उछल पड़ता है. ख़ासकर अगर शरीर के किसी सेंसटिव हिस्से जैसे कमर, गर्दन, या फिर पैर के तलवों पर इसका असर कुछ ज़्यादा ही महसूस होता है. 

rd

मग़र यही चीज़ जब हम ख़ुद के साथ करते हैं, तो हमें गुदगुदी ज़रा भी महसूस नहीं होती. लेकिन सवाल ये है कि ऐसा क्यों होता है? 

पहले जान लें कि गुदगुदी लगती क्यों है?

वैज्ञानिकों की मानें तो इसका जवाब हमारे दिमाग़ के somatosensory cortex और Anterior cingulate cortex नाम के दो हिस्से में छिपा है. पहला हमारे शरीर में सेंसेशन के लिए ज़िम्मेदार होता है और दूसरा हमें ख़ुशी और हंसी का एहसास कराता है. 

theswaddle

ये भी पढ़ें: क्रिकेट के एक ओवर में 6 गेंदें ही क्यों होती हैं, क्या हमेशा से ऐसा ही था?

अब अगर कोई दूसरा व्यक्ति आपको गुदगुदी करने के लिए छूता है, तो cerebellum तुरंत ही cortex को सिग्नल भेजकर ख़तरे को लेकर अलर्ट कर देता. ऐसे में हम ख़ुद को सिकोड़ने लगते हैं. इस दौरान दिमाग़ का एक हिस्सा हमें डर का एहसास कराता है कि हमें दर्द होने वाला है. 

वहीं, दूसरा हिस्सा हमें हंसने पर मजबूर करता है. ये दोनों ही प्रतिक्रियाएं एकसाथ होती हैं. यही वजह है कि हम दर्द में भी हंसते हैं और चाहकर भी अपनी हंसी कंट्रोल नहीं पाते. ये एक तरह से हमारे शरीर के डिफ़ेंस मैकनिज़िम का हिस्सा है.

news

ख़ुद के छूने पर क्यों नहीं होता ऐसा?

जब हम ख़ुद को गुदगुदाने की कोशिश करते हैं, तो ऐसा नहीं हो पाता है. इसके पीछे भी हमारा दिमाग़ ही ज़िम्मेदार है. दरअसल, हमारा दिमाग़ हमारे पूरे शरीर की गतिविधियों को कंट्रोल करता है. साथ ही, वो हमारे और दूसरों के टच में अंतर करना जानता है. वो ये समझता है कि हम ख़ुद को चोट नहीं पहुंचाएंगे, इसलिए कोई ख़तरा नहीं है. ऐसे में जब हम ख़ुद को गुदगुदाने की कोशिश करते  हैं, तो cortex पहले ही सचेत हो जाते हैं और कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं. यही कारण है कि ख़ुद को गुदगुदाना लगभग नामुमकिन है.

thehealthy

बता दें, हर किसी के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में गुदगुदी लगती है. ये इस बात पर निर्भर करता है कि किसी इंसान के शरीर का कौन सा हिस्सा ज़्यादा संवेदनशील है. मग़र आमतौर पर शरीर के ऐसे हिस्सों पर गुदगुदी ज्यादा होती है जो हड्डी से कम-से-कम घिरा हो जैसे पेट और पैर के तलवे.

तो अगली बार जब कोई आपको या आप किसी और को गुदगुदाएं, तो इसके पीछे का ये विज्ञान भी याद रखिएगा.

आपको ये भी पसंद आएगा
एम एस धोनी के सिग्नेचर के साथ मैन ऑफ़ प्लैटिनम ने लॉन्च किया ये यूनिक सिग्नेचर एडिशन ज्वेलरी कलेक्शन
लॉन्च हो गया है दुनिया का सबसे महंगा ‘लिफ़ाफ़ा’, क़ीमत जानकर ‘मिडिल क्लास’ लोग पकड़ लेंगे माथा
बिरयानी, रसगुल्ला या डोसा नहीं, इस साल लोगों ने Swiggy से सबसे ज़्यादा ऑर्डर की ये डिश
Old Monk: जानिए इस ‘देसी रम’ की बोतल पर किसकी तस्वीर छपी होती है, दिलचस्प है कहानी
ये है दुनिया की सबसे महंगी धूल, करोड़ों रुपये है क़ीमत, सिर्फ़ तीन देशों के पास है इसका स्टॉक
Magic Moments: यूपी में बनी इस देसी वोदका की आज दुनिया है दीवानी, बन चुकी है वर्ल्ड की बेस्ट वोदका