शरीर में पहुंचकर शराब ऐसा क्या उधम काटती है कि लोगों को हैंगओवर हो जाता है?

Abhay Sinha

कुछ लोग शराब पीने ऐसे बैठते हैं जैसे उन्हें ज़िंदगी में दोबारा दारू नसीब न होगी. मतलब एकदम ही टैंकर बन जाते हैं. सटासट एक के बाद एक पेग अंदर और लौंडा सिकंदर बन जाता है. मगर कुछ ही देर बाद दारू उसी सिकंदर को धरती का लाल बनाकर ज़मीन पर लोटवा देती है. मन से बस एक ही प्रार्थना निकलती है कि भगवान बस आज सुला दो, कल से न सिगरेट पियूंगा न दारू. 

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ख़ैर, तमाम उल्टियों के दौर के बाद नींद आ ही जाती है. मगर खेला यहीं ख़त्म नहीं होता. कुछ घंटों बाद एक अलग बवाल शुरू होता है, जिसे नशेड़ी समज में हैंगओवर (Hangover) के नाम से जाना जाता है. हैंगओवर में इंसान का सिर भारी होने लगता है, चक्कर आते हैं और भयंकर थकेलापन महसूस होता है. मगर सोचने वाली बात है कि ये सब दारू पीने के कई घंटे बाद होता है. मतलब तब तक शराब हमारे शरीर से क़रीब-क़रीब निकल भी चुकी होती है. 

ऐसे में आज हम हैंगओवर (Hangover) को लेकर आपके मन में उठने वाले हर सवाल का जवाब देंगे.

क्यों होता है हैंगओवर (Hangover)?

शराब को एथेनॉल से बनाया जाता है. जब हम दारू पीते हैं, तो ये हमारे शरीर में मौजूद एंजाइम तोड़कर कई दूसरे केमिकल में तब्दील कर देते हैं. इसमें सबसे मुख्य एसिटेल्डिहाइड है, जिसे एंंजाइम आगे तोड़कर एक केमिकल में बदल देते है, जिसे एसीटेट कहते हैं. ये एसीटेट बाद में फैटी एसिड और पानी में बदल जाता है. 

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अब कुछ वैज्ञानिक तो ये कहते हैं कि इसी एसिटेल्डिहाइड की वजह से हैंगओवर होता है. मगर ऐसी भी रिसर्च हुई हैं, जो इस बात से सहमत नही हैं. मतलब उनमें ये पता चला है कि हैंगओवर और एसिटेल्डिहाइड के बीच कोई संबंध नहीं है. ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि हैंगओवर के लिए कॉन्जेनर्स नाम का कैमिकल ज़िम्मेदार है, जो व्हिस्की बनाते वक़्त इसमें मिल जाता है. कहा ये भी जाता है कि शराब का रंग जितना डार्क होगा, उसमें नशा भी उतना होगा और हैंगओवर भी उसी मुकाबले ज़्यादा होगा. 

साथ ही, जितनी ज़्यादा शराब अपने अंदर उड़ेलेंगे, हैंगओवर भी उतना ही ज़्यादा होगा. उम्र भी एक फ़ैक्टर होती है. वहीं, अगर खाली पेट शराब पीएंगे, तो भी हैंगओवर ज़्यादा होगा. क्योंकि खाली पेट दारू पीने से ये शरीर में तेज़ी से एब्‍जॉर्ब होती है और ज़्यादा नशा चढ़ता है.

सिर दर्द, थकान और उल्टी आने का क्या कारण है?

अब सवाल ये है कि शराब पीने से उल्टी, सिर भारी लगना और थकान जैसे लक्षण क्यों लगते हैं. इसके पीछे वजह ये है कि शराब खून में घुल जाती है. साथ ही, तेज़ी से पानी भी एब्‍जॉर्ब करती है. वहीं, बार-बार पेशाब भी लगती है. ऐसे में शरीर मे पानी की कमी के चलते बहुत सी परेशानियां होने लगती हैं. बेचैनी लगती है और सिर दर्द होता है. वहीं, ज़्यादा शराब पीने के बाद हमारा शरीर उससे लड़ने में ताक़त लगाता है, ताकि शरीर पर बुरा असर न हो. ये भी एक वजह है कि इंसान थका हुआ और कंफ़्यूज़ भी नज़र आता है. साथ ही, थकान की एक वजह इंसान का ठीक से सो न पाना भी होता है. लोग देर रात तक शराब पीते हैं, तो नींद भी पूरी नहीं होती और इंसान थका-थका महसूस करता है.

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वहीं, उल्टियां आने की वजह हमारे पाचन तंत्र में बनने वाला एसिड है, जिसकी मात्रा शराब पीने के बाद बढ़ जाती है. साथ ही, एल्‍कोहल शरीर में इलेक्‍ट्रोलाइट्स के उस बैलेंस को बिगाड़ देता है, जिनका कनेक्‍शन सीधे तौर पर दिमाग से होता है. इसलिए सिरदर्द और बेचैनी के मामले सामने आते हैं.

ऐसे में हैंगओवर (Hangover) से बचना है तो कुछ तरीके काम कर सकते हैं. पहले तो शराब पीना ही नहीं चाहिए. अगर पीते भी हैं, तो कम और धीरे-धीरे ही पिएं. पीने से पहले अच्छे से खाना भी खाएं और नींद पूरी लें. पानी खूब पिएं. ऐसे करके आप हैंगओवर से बहुत हद तक बच और उभर सकते हैं. 

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