जानिए क्यों कहा गया हीमोफ़ीलिया को ‘शाही बीमारी’, आख़िर कैसे फैली यह पूरे विश्व में?

Nripendra

‘शाही’ शब्द राजघरानों से जुड़ा है. चूंकि राजा-महाराजाओं की सभी चीजें ख़ास होती हैं, तो इसलिए यहां से निकलने वाली हर अच्छी चीज़ों के साथ ‘शाही’ शब्द जुड़ ही जाता है. चाहे वो कोई ख़ास पकवान हो या वस्त्र. लेकिन, क्या कोई बीमारी भी ‘शाही’ हो सकती है? अगर अभी तक आपने इस बारे में नहीं सुना है, तो यह बात आपको थोड़ी अजीबो-ग़रीब लग सकती है. लेकिन, आपको बता दें कि दुनिया में एक ऐसी भी बीमारी हुई है जिसे ‘शाही बीमारी’ यानी ‘Royal Disease’ के नाम से जाना गया. आइये, जानते हैं इस ‘शाही बीमारी’ के बारे में विस्तार से.   

महारानी को बनाया शिकार     

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ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को भला कौन नहीं जानता. उन्होंने लंबे समय तक सत्ता अपने अपने हाथों से संभाली और करोड़ों लोग पर राज किया. लेकिन, आपको पता न हो कि वो एक ख़तरनाक बीमारी से पीड़ित हुई थीं. वहीं, महारानी विक्टोरिया इस बीमारी की पहली मरीज़ भी बनीं. यही वजह है कि इस बीमारी को ‘शाही बीमारी’ कहा जाने लगा.   

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हीमोफ़ीलिया (Hemophilia) की शिकार   

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इस शाही बीमारी को डॉक्टरी भाषा में हीमोफ़ीलिया (Haemophilia) कहा जाता है. इस बीमारी का पता तब चला, जब रानी विक्टोरिया समेत शाही परिवार के कई सदस्य इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गए.  

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बीमारी बनी बेटे की मृत्यु का कारण  

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यह ‘शाही बीमारी’ महारानी विक्टोरिया के बेटे Prince Leopold की मृत्यु का कारण भी बनी. वो महज 30 वर्ष के थे जब वो एक दुर्घटना के शिकार हुए और भारी रक्तस्राव के कारण उनकी मृत्यु हो गई. बता दें हीमोफ़ीलिया में भारी रक्तस्राव होता है.   

राजघराने के निकलकर दूसरी जगह फैली यह बीमारी   

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जानकारों के अनुसार, इस ‘शाही बीमारी’ ने रानी विक्टोरिया की दो बेटियों को भी अपना शिकार बना लिया था. जब उनकी शादी दो अलग-अलग देशों में हुई, तो यह बीमारी उन देशों में भी फैल गई.    

क्या है हीमोफ़ीलिया?  

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हीमोफ़ीलिया एक Bleeding Disorder है, जो शरीर के ‘ब्लड क्लॉटिंग प्रोसेस’ को धीमा कर देता है. ‘ब्लड क्लॉटिंग प्रोसेस’ वो होता है, जब शरीर के अंदर या बाहर चोट लगती है और रक्तस्राव होता है, तो शरीर का ‘ब्लड क्लॉटिंग गुण रक्त को गाढ़ा करके उसे बहने से रोकने में मदद करता है. जैसे कि हमने ऊपर जिक्र किया कि रानी विक्टोरिया के बेटे को यह बीमारी हुई थी. इसलिए, जब वो दुर्घटना के शिकार हुए, तो हीमोफ़ीलिया वजह से ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हुई. वहीं, यह बीमारी आनुवंशिक भी है, इसलिए यह रानी विक्टोरिया के शाही परिवार से निकलकर अन्य देशों में फैली.  

ले सकती है घातक रूप  

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चूंकि इस बीमारी में ‘ब्लड क्लॉटिंग प्रोसेस’ बाधित हो जाता है, इसलिए जरा-सी चोट, सर्जरी या दांत उखड़वाने की वजह से भी भारी रक्तस्राव हो सकता है. अगर कोई गंभीर रूप से इस बीमारी से पीड़ित है, तो शरीर के अन्य भागों (मस्तिष्क, जोड़ या अन्य आंतरिक भाग) से ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ सकता है.   

हीमोफ़ीलिया के लक्षण   

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हीमोफ़ीलिया के इलाज के लिए Symptoms of Hemophilia का जानना जरूरी है. अगर किसी को माइल्ड हीमोफ़ीलिया है, तो किसी बड़ी चोट के कारण ही भारी रक्तस्राव हो सकता है. वहीं, अगर कोई गंभीर रूप से पीड़ित है, तो बिना कारण के भारी रक्तस्राव हो सकता है. इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं :

– पेशाब में खून 
– मल में खून 
– बड़े घाव 
– अधिक खून बहना 
– मसूड़ों से खून बहना
– बार-बार नाक बहना 
– जोड़ों में दर्द 
– जोड़ों में अकड़न 
– चिड़चिड़ापन (बच्चों में) 

इन स्थितियों में डॉक्टर को जरूर दिखाएं  

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हीमोफ़ीलिया के साथ इन स्थितियों के सामने आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए : 

 – गंभीर सिरदर्द
 – बार-बार उल्टी
 – गर्दन में दर्द
 – धुंधला दिखना या डबल विज़न
 – अत्यधिक नींद 
 – चोट से लगातार खून बहना   

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