अक्सर आपने प्लास्टिक स्टूल में छेद बना देखा होगा, कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?

Abhay Sinha

हम अपने आसपास बहुत सी चीज़ें देखते हैं, जिन्हें आम समझते हैं. मगर कभी उनके ख़ास डिज़ाइन्स के बारे में नहीं सोचते. अब प्लास्टिक के स्टूल को ही ले लीजिए. जहां दिखा, टिका कर बैठ जाते हैं. मगर ज़रा तशरीफ़ उठाकर देखिए तो मालूम पड़ेगा कि हर प्लास्टिक स्टूल के बीचों-बीच एक गोल छेद होता है. लेकिन कभी आपने सोचा है कि क्यों? (Why There A Hole In Plastic Stool?)

tipsmake

बैठने से फ़ुर्सत मिले, तब सोचिए न. ख़ैर छोड़ो, हम बता देते हैं. तो प्रियजनों मामला थोड़ा वैज्ञानिक है. इसीलिए चाहें ब्रांडेड प्लास्टिक स्टूल हो या फिर लोकल, सभी साइंस के तले ही इनका प्रोडेक्शन कर रहे. भारत ही नहीं, दुनियाभर में इनका डिज़ाइन सेम ही होता है.

Why There A Hole In Plastic Stool?

गोल छेद की वजह से स्टूल को मिलती है मज़बूती

आपने देखा होगा कि छेद हमेशा आकार में गोल होता है. कभी चौकोर या किसी और शेप में नहीं होगा. ऐसे स्ट्रक्चर की चलते स्टूल को मज़बूती मिलती है. अगर छेद चौकोर या अलग शेप का होता तो प्रेशर उन एंगल्स पर केंद्रित हो जाता, जिससे स्टूल चिटक सकता था. वहीं, गोल छेद होने से सारा प्रेशर समान रूप से फैल जाता है. ऐसे में गोल होल्स उनमे लचीलापन बनाए रखते हैं और स्टूल टूटने से बच जाता है.

कम जगह में ज़्यादा स्टूल रख सकते हैं

china

असल में प्लास्टिक के स्टूल का इस्तेमाल घरों में कम जगह के वजह से किया जाता है. क्योंकि स्टूल ज़्यादा जगह नहीं लेते और एक के ऊपर एक रखे जाते हैं. ढेर सारे होकर भी कम जगह में सिमट जाते हैं. जब यूज़ हो तो इन्हें निकाल लीजिए. ऐसे में अगर इनमें होल नहीं होगा तो प्रेशर और वैक्यूम के चलते ये आपस में कुछ इस कदर चिपक सकते हैं कि इन्हें अलग करना मुश्किल हो जाए. लिहाजा ये होल इनके बीच जगह बनाए रखने और उन्हें निकालने में आसानी के लिए बेहद ज़रूरी होते हैं.

उठाने, ले जाने में आसानी

स्टूल में गोल छेद भी बहुत बड़े आकार का नहीं होता. क्योंकि, ऐसा होने पर वो अपनी मज़बूती खो देगा. वहीं, बहुत छोटा होगा तो आप उसे पकड़ नहीं सकेंगे. क्योंकि, उंगलियां ही भीतर नहीं जाएंगी. बेहतरीन इंजीनियरिंग का कमाल ये है कि इसको एक परफ़ेक्ट साइज़ दिया जाता है. ताकि, आराम से उठाकर इसे इधर-उधर रख सकें. वहीं, एक फ़ायदा ये भी है कि कम ही सही, छेद होने से कुछ तो प्लास्टिक बचती ही है.

तो देखा गुरु, चीज़ें आम दिखती हैं, मगर होती नहीं. हमारी सुविधा के लिए हर चीज़ को बहुत जुगाड़ और दिमाग़ के साथ डिज़ाइन जाता है.

ये भी पढ़ें: नेपाल प्लेन क्रैश का फ़ेसबुक लाइव वीडियो वायरल, जानिए क्या हवा में मिलता है इंटरनेट?

आपको ये भी पसंद आएगा
पूर्णा सांथरी: आंखों की रोशनी खोने के बावजूद नहीं मानी हार, IAS बनकर किया मां-बाप का नाम रौशन
बचपन में जिन पेन्सिल की ब्रांड नटराज और अप्सरा को यूज़ करते थे, क्या जानते हो वो सेम कंपनी है?
बस ड्राइवर की बेटी उड़ाएगी एयरफ़ोर्स का जहाज, पाई ऑल इंडिया में दूसरी रैंक, पढ़िए सक्सेस स्टोरी
पहचान कौन? बॉलीवुड का डायरेक्टर जिसके नाम नहीं है एक भी फ्लॉप फ़िल्म, संजय दत्त को बनाया सुपरस्टार
दिल्ली मेट्रो में महिलाओं ने किया कीर्तन, Viral वीडियो देख लोग बोले- ‘लड़ाई-झगड़े से बेहतर है’
कोलकाता में मौजूद British Era के Pice Hotels, जहां आज भी मिलता है 3 रुपये में भरपेट भोजन