World Haemophilia Day पर हम आपको बताएंगे कि क्या है ये बीमारी? इसके क्या लक्षण हैं? और इससे बचा कैसे जा सकता है?
Haemophilia एक आनुवांशिक (Hereditary) बीमारी है, जिसमें शरीर से बहने वाला ख़ून जमता या जल्दी बंद नहीं होता है. इसके कारण चोट या दुर्घटना में ये जानलेवा साबित होती है. ये बीमारी आमतौर पर पुरुषों को होती है. महिलाओं में इस बीमारी का ख़तरा बहुत कम होता है. भारत में Haemophilia के पेशेंट बहुत कम हैं.
अगर डॉक्टरों की मानी जाए, तो इस बीमारी का कारण ख़ून में थ्राम्बोप्लास्टिन नाम के प्रोटीन की कमी का होना होता है, जिसे ‘क्लॉटिंग फ़ैक्टर’ कहा जाता है. ये फ़ैक्टर बहते हुए खून के थक्के को जमाकर उसका बहना रोकता है. ख़ून में इसके न होने से खून का बहना बंद नहीं होता है.
हीमोफ़ीलिया के लक्षण:
1. अगर शरीर में नीले-नीले निशान बन रहे हैं, तो उसे नज़रअंदाज़ मत करिए ये हीमोफ़ीलिया का एक लक्षण होता है.
हीमोफ़ीलिया से बचने का उपाय:
1. अगर आपको हीमोफ़ीलिया है, तो इससे जुड़ी सारी ज़रूरी बातें पता रखें और समय-समय पर अपडेट होते रहें.
5. एस्परिन या नॉन स्टेरॉयड दवा लेने से जहां तक संभव हो बचें.
आज World Haemophilia Day पर आपको इससे वाक़िफ़ कराना हमारी ज़िम्मेदारी है. अब इसको नज़रअंदाज़ न करके आप अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करिए.