World’s Most Expensive Beer: अगर आप अब तक शैंपेन और वाइन को ही महंगी शराब के रूप में जानते हैं, तो ये जानकारी आपको हैरान कर सकती है. यहां हम उस बीयर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे हाल ही में हज़ार नहीं बल्कि $500,000 (क़रीब 4.05 करोड़) देकर ख़रीदा गया है. अब आप ज़रूर सोच रहे होंगे कि एक बीयर की बोतल आख़िर इतनी महंगी कैसे हो सकती है, जो कि 500-1000 रुपए में आ जाती है.
लेख में हमारे साथ बने रहिए और जानिए आख़िर क्यों ये बीयर की बोतल (World’s Most Expensive Beer Sold at Rs 4.05 crore) 4.05 करोड़ में बिकी.
140 साल से भी पुरानी बीयर की बोतल
World’s Most Expensive Beer: हम जिस बीयर की बात कर रहे हैं उसका नाम है Allsopp’s Arctic Ale. इस बीयर की एक बोतल हाल ही में 4.05 करोड़ में बिकी है. माना जा रहा है कि ये बोतल 140 साल से भी पुरानी है और इससे इतिहास की एक घटना जुड़ी हुई है. इसलिए, इस बोतल की नीलामी की गई और आख़िरी क़ीमत 4.05 करोड़ पर इसे बेचा गया.
कहां से शुरू होती है इस बीयर की बोतल की कहानी
World’s Most Expensive Beer: Antiques Trade के अनुसार, ओक्लाहोमा के एक ग्राहक ने 2007 में eBay पर Allsopp’s Arctic Ale की एक बोतल के लिए $304 का भुगतान किया था. यहीं से शुरू होती है इस अनमोल बियर की कहानी.
बोतल के साथ एक पुराना लैमिनेटेड हाथ से लिखा नोट भी था, जिस पर Percy G. Bolster के हस्ताक्षर किए गए थे और कहा गया था कि उन्हें ये बोतल 1919 में वापस मिल गई थी. पत्र के अनुसार, इसके बियर को ध्रुवीय यात्रा (Polar Trip) के लिए 1852 में विशेष रूप से बनाया गया था.
खरीदार ने तुरंत समझ गया कि ये वो ही बियर है जिसे सर एडवर्ड बेल्चर द्वारा सर जॉन फ्रैंकलिन और उनके चालक दल की खोज के लिए चलाए गए अभियान के लिए 1852 में लाया गया था.
Northwest Passage की खोज और समुद्री यात्रा
History of Allsopp’s Arctic Ale in Hindi: कई खोजकर्ताओं ने Northwest Passage (एटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर के बीच समुद्री मार्ग) की खोज में अपनी गवाई है. 1845 में कैप्टन जॉन फ्रैंकलिन भी अपने क्रू के साथ इस खोज अभियान पर निकल पड़े और Northwest Passage की खोज की, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी. वो अपने क्रू के साथ फिर कभी दिखाई नहीं दिए. यहां तक कि उनकी खोज भी चौदह वर्षों तक अज्ञात थी, क्योंकि वे और उनके साथी अज्ञात आर्कटिक में गायब हो गए थे.
गायब हुए नाविकों को बता लगाने के लिए जो जहाज भेजे गए थे, उनमें से एक के में ये ख़ास बीयर की बोतलें मौजूद थीं.
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नाविकों का पता लगाने के लिए चलाए गए अभियान
गायब हो गए खोजकर्ताओं का पता लगाने के लिए बचाव अभियान शुरू किए गए. जब इन्हें कोई सफलता नहीं मिली, तो 1852 में Admiral Edward Belcher के तहत एक सरकारी अभियान को और अधिक प्रयास करने के लिए भेजा गया था.
इस अंतिम अभियान के दौरान ही Allsopp’s Arctic Ale का नाम सामने आया. सरकार ने Allsopps से आर्कटिक जलवायु के लिए उपयुक्त बियर बनाने का अनुरोध किया. बियर को स्ट्रांग बनाया गया, ताकि ठंडी जलवायु से क्षतिग्रस्त न हो. वहीं, इसने स्कर्वी से बचाने का भी काम किया.
जहाज़ पर लोड की गईं बीयर की बोतलें
The most expensive beer in the world: Allsopp’s Arctic Ale की एक बड़ी मात्रा जहाज़ HMS Resolute पर लोड की गई थीं. Admiral Belcher ने एडमिरल्टी को बताया कि ये आर्कटिक क्षेत्रों के लिए सबसे अच्छा पेय है. ये वास्तव में हमारे लिए, विशेष रूप से हमारे बीमार नाविकों के लिए एक आशीर्वाद जैसी थी. इसे बहुत अच्छी तरह से रखा गया था और सभी द्वारा इसकी मांग की गई थी.
जब तक सर एडवर्ड और उनके लोग क्रिसमस 1854 के लिए सुरक्षित रूप से घर थे, तब तक इसे स्ट्रांग बीयर की ख़ूब प्रशंसा की जा रही थी. कई लोगों ने इसे पुराने बरगंडी के रूप में और बीफ़ की तरह पौष्टिक भी कहा.
बाद के आर्कटिक अभियानों में भी इस बीयर ने ठंड से लड़ने में ख़ूब मदद की. सर लियोपोल्ड मैक्लिंटॉक के 1857 के अभियान (फ्रैंकलिन की खोज) में भी इसी आपूर्ति की गई थी.
1875 में सर जॉर्ज नारेस, जो पिछले अभियान में एडमिरल बेल्चर के साथ थे, उन्होंने इसी तरह की बीयर उपलब्ध कराने के लिए कहा था.
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