अगले महीने फरवरी में उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं. इस समय राज्य की राजनीति काफी गर्म है, प्रत्येक पार्टी बड़े-बड़े दावों के साथ वोट बैंक की राजनीति कर रही है. वहीं कुछ पार्टीज़ में गज़ब के ड्रामे भी हो रहे हैं. इन्हीं सबके बीच अब एक मामला और सामने आ रहा है. दोस्तों क्या आपको पता है कि आनंद कुमार कौन हैं? अगर नहीं पता तो हम बता देते हैं कि आनंद कुमार बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती के भाई है और साथ वो एक ऐसे उद्योग पति हैं, जिनका नाम भले ही बड़े-बड़े उद्योगपतियों में शामिल न हो, लेकिन बतौर एक कारोबारी हुई उनकी तरक्की काफी सोचनीय है. उनकी तरक्की के बारे में जानने के बाद आप भी हैरान रह जायेंगे.
Times Now की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, जिस समय उत्तर प्रदेश का कार्यभार बतौर सीएम मायावती संभाल रहीं थीं, उस दौरान आनंद कुमार की दौलत 2007 से 2014 के बीच काफी तेजी से बढ़ी. आपको बता दें कि उस समय आनंद की नेटवर्थ 7.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,316 करोड़ रुपये हो गई थी. आनदं कुमार की तस्वीर मिलना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि वो बहुत ही शान्ति के साथ अपना कारोबार चलाते हैं. इसलिए शायद वो 7 साल के अन्दर इतनी तरक्की कर पाए.
इस रिपोर्ट से एक बात और सामने आई है कि इनकम टैक्स की जांच के दौरान पता चला कि कुमार ने कई फर्ज़ी कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपयों का लोन लिया और फिर बड़े पैमाने पर रियल स्टेट में निवेश किया. बताया जा रहा है कि कुमार की एक ऐसी ही कंपनी है, आकृति होटल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, जिसमें लोन लिए गया पैसा लगाया गया. आपको बता दें कि दिल्ली से चलने वाली इस कंपनी में डिबेंचर शेयरहोल्डिंग के माध्याम से 37 इक्विटी शेयरहोल्डर्स हैं, हालांकि, इन हिस्सेदारों में से कई कंपनीज़ तो केवल कागजों पर ही दर्ज हैं. इसके अलावा इसके तीन डायरेक्टर्स भी हैं.
ये ख़बर इस समय सुर्ख़ियों में इसलिए भी है क्योंकि उत्तरप्रदेश में अगले महीने इलेक्शन्स होने वाले हैं और इस ख़बर के बाद मायावती की मुश्किलें अधिक बढ़ती नज़र आ रही हैं. गौरतलब है कि मीडिया से दूर रहने वाले आनंद कुमार के बारे में चर्चायें नोटबंदी के बाद तब शुरू हुईं थीं, जब दिसंबर 26, 2016 को Enforcement Directorate (ED) ने मायावती के भाई आनंद के खाते में 1.43 करोड़ रुपये और बीएसपी पार्टी के एक अकाउंट में 104 करोड़ रुपये जमा होने का दावा किया था. हालांकि, इसकी जांच चल रही है और जांच एजेंसियों के मुताबिक़, ये पैसे 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद खातों में जमा किए गए और ये सारा पैसा इन खातों में हवाला के लेनदेन के अंतर्गत जमा हुआ था. इसके अलावा उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि जांच दौरान ये भी पता चला कि बीएसपी के खाते में 102 करोड़ रुपये 1000-1000 के नोट में जमा हुए, जबकि बाकी के 3 करोड़, 500 रुपये के नोटों में डिपोजिट हुए थे.
जांच में जुटे अधिकारियों ने बताया कि वो बहुत आश्चर्यचकित थे, जब उन्होंने देखा कि इन एकाउंट्स में दूसरे दिन 15 से 17 करोड़ रुपये जमा हो रहे हैं, तो वो बहुत ही अचम्भित थे. तब एजेंसी को पता चला कि जिस अकाउंट में 1.43 करोड़ रुपये जमा हुए, वो बीएसपी सुप्रीमों मायावती के भाई आनंद कुमार का है. नोटबंदी के बाद करीब 18.98 लाख की राशि पुराने नोटों के जरिये अकाउंट में जमा हुई थी.
मामले का खुलासा होने के एक दिन बाद मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की मानसिकता दलित विरोधी है और नरेन्द्र मोदी की ये सरकार अपने राजनीतिक स्वार्थ को साधने की कोशिश कर रही है. साथ ही नोटबंदी के बाद की अपनी विफलताओं पर परदा डालने के लिए 90 प्रतिशत गरीब और मध्यम वर्गीय जनता को परेशान कर रही है.
गौरतलब है कि अब यह मामला इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच के घेरे में है. आईटी डिपार्टमेंट आनंद कुमार की 1,300 करोड़ रुपये की संपत्ति की जांच कर रहा है. रिपोर्ट में इस मामले को नए साल का सबसे बड़ा पॉलिटिकल स्कैंडल बताया गया है.