भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद, चीन के 43 सैनिक भी मारे गए

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लद्दाख की गलवान घाटी से भारतीय सैनिकों की शहादत की ख़बर आ रही है. 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. जबकि कई सैनिक घायल हुए हैं जिनमें से 4 सैनिकों की हालत गंभीर बताई जा रही है.  

न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक़, भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई इस हिंसक झड़प में चीन के 43 सैनिक भी हताहत हुए हैं. बीती रात हिंसा वाले इलाक़े में चीनी एयर फ़ोर्स के हैलीकॉप्टर चक्कर लगाते भी पाए गए थे.  

पिछले 5 दशक से भी अधिक समय में हुए इस सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण गलवान घाटी और LAC पर पहले से जारी गतिरोध और तेज़ हो गया है. भारत-चीन सीमा पर 53 साल से कोई फ़ायरिंग नहीं हुई थी, सिर्फ़ धक्का-मुक्की ही होती रहती है. 

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बता दें कि पिछले कई दिनों से गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच उच्च स्तरीय बातचीत के बावजूद तनाव बढ़ता ही जा रहा है. 15 जून की रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प हुई जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं, लेकिन चीन अब भी अपने सैनिकों के मारे जाने की ख़बर पर ख़ामोश है.  

इस मामले में भारतीय सेना ने 16 जून की रात एक बयान जारी कर बताया कि गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. वैसे चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की ख़बर है. 

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क्या है ये गलवान घाटी विवाद? 

लद्दाख बॉर्डर पर स्थित ‘गलवान घाटी’ विवादित क्षेत्र अक्साई चीन में है. लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) अक्साई चीन को भारत से अलग करती है. अक्साई चीन को विवादित क्षेत्र इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस पर भारत और चीन दोनों ही अपना दावा करते हैं. ये घाटी चीन के दक्षिणी शिनजियांग और भारत के लद्दाख़ तक फैली है. गलवान नदी के पास होने के कारण इस इलाके को गलवान घाटी कहा जाता है.

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गलवान घाटी भारत के लिए सामरिक रूप से काफी अहम है. क्योंकि ये पाकिस्तान, चीन और लद्दाख की सीमा के साथ जुड़ा हुआ है. साल 1962 की जंग के दौरान भी गलवान घाटी जंग का प्रमुख केंद्र रहा था. पिछले कुछ समय से चीन पूरी गलवान घाटी को अपने नियंत्रण में करना चाहता है.   

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दरअसल, भारत अपनी सीमाओं को मज़बूत करने के लिए गलवान घाटी में कई तरह के निर्माण कार्य कर रहा है. चीन इसी बात का विरोध कर रहा है. चीन का मानना है कि अगर भारत गलवान घाटी में निर्माण कर लेता है तो रणनीतिक तौर पर वो यहां अपनी स्थिति मज़बूत बना लेगा. बावजूद इसके भारत ने साफ़ तौर पर कह दिया है कि वो गलवान घाटी समेत पूरे लद्दाख में निर्माण कार्य जारी रखेगा. 

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