कोविड- 19 पैंडमिक की वजह से 2020 में कुछ भी नॉर्मल नहीं था. जहां कोरोना वायरस की वजह से कई लोगों ने ज़िन्दगी गंवाई तो लॉकडाउन की वजह से ज़िन्दगी पर ब्रेक लग गया. पैंडमिक और लॉकडाउन की वजह से अगर किसी की ज़िन्दगी पर सबसे ज़्यादा असर पड़ा तो वो है महिलाएं.
नज़र डालते हैं 10 कारणों पर जिसके कारण महिलाओं का विकास बुरी तरह प्रभावित हुआ-
1. नौकरी गंवाना
कोविड-19 की वजह से दुनियाभर में लोगों ने नौकरियां गंवाई. हॉस्पिटैलिटी, रिटेल और टूरिज़्म सेक्टर में काम कर रही कई महिलाओं को नौकरी से हटाया गया. कुछ महिलाओं ने घर पर ध्यान देने के लिए पेड वर्क भी कम किया. एक रिपोर्ट की मानें तो पिताओं की तुलना में इंग्लैंड की 47% वर्किंग मॉम्स ने या तो नौकरी छोड़ी या नौकरी गंवाई.
2. बाल विवाह
संयुक्त राष्ट्र संघ का ये अनुमान है कि पैंडमिक की वजह से आने वाले दशक में अतिरिक्त 13 मिलियन बच्चों को बाल विवाह हो सकता है. इस कुप्रथा को ख़त्म करने के लिए चलाये गये कई कैंपेन विफ़ल हो जायेंगे क्योंकि कई परिवार ग़रीबी का शिकार होंगे.
3. ट्रैफ़िकिंग
बढ़ती ग़रीबी और स्कूल बंद होने की वजह से कई लड़कियों ने स्कूल छोड़ा. संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा से दूर होने की वजह से महिलाओं और लड़कियों का यौन शोषण बढ़ा है और इससे उनके ट्रैफ़िकिंग में फंसने के चांस बढ़ गये है. जिन देशों में तेज़ी से अर्थव्यवस्था गिरी है वहां ट्रैफ़िकिंग के केस बढ़ेंगे, ठीक वैसे ही जैसा 2007-2008 फ़ाइनेंशियल क्राइसिस के दौरान हुआ था.
4. घरेलू हिंसा
देश और दुनिया में लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई. संयुक्त राष्ट्र संघ का अंदेशा है कि पैंडमिक की वजह से घरेलू हिंसा के मामले 20% तक बढेंगे.
5. अनपेड लेबर
ये समस्या नई नहीं है. महिलाओं और पुरुषों के वेतन में ज़मीन आसमान का फ़र्क है, चाहे कोई भी फ़िल्ड हो. घरेलु कामकाज के लिए तो दुनिया की किसी भी महिला को कुछ भी नहीं मिलता. संयुक्त राष्ट्र संघ के डेटा के अनुसार 2020 में महिलाओं का अनपेड लेबर बढ़ा. घरवालों का ध्यान रखने से लेकर, बीमार घरवालों का ध्यान रखने तक, महिलाओं ने दूसरे सालों से ज़्यादा ऊर्जा ख़र्च की. 5 अमीर देशों में किए गये सर्वे के अनुसार, पैंडमिक के दौरान महिलाओं ने हफ़्ते में 65 घंटों तक अनपेड लेबर किया.
6. महिला शिक्षा
पैंडमिक की वजह से दुनियाभर में स्कूल बंद कर दिए गए. इस निर्णय का सबसे ज़्यादा असर लड़कियों की शिक्षा पर पड़ा क्योंकि लाखों लड़कियां अब कई स्कूल नहीं जा पाएंगी. स्कूल बंद होने से लड़कियों के साथ होने वाली सेक्शुअल हिंसा, लड़कियों के ट्रैफ़िकिंग के केस और बाल विवाह भी बढ़े.
7. गर्भपात
BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, पोलैंड के टॉप कोर्ट ने हर क़िस्म के गर्भपात पर रोक लगा दी थी. इसके विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए.
8. मातृ स्वास्थ्य
प्रेगनेंसी और जन्म देने की वजह से मौत का शिकार होने वाली महिलाओं की संख्या में 2000 से अब तक एक तिहाई गिरावट दर्ज की गई है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि पैंडमिक की वजह से ये संख्या बढ़ सकती है. इस साल कई महिलाओं को कन्ट्रासेप्शन और रिप्रोडक्टिव हेल्थकेयर नहीं मिला पाया.
9. रिवेंज पॉर्न
Safer Internet Center Ex-Partner या Abusive Partner द्वारा रिवेंज पॉर्न, इंटीमेट तस्वीरों की ऑनलाइन पोस्टिंग की शिकायतों में इज़ाफ़ा दर्ज किया गया. ब्रिटेन की एक हेल्पलाइन सेवा के अनुसार अप्रैल में उनके पास आने वाले केस दोगुने हो गये.
10. फ़ीमेल जेनाइटल म्युटिलेशन (एफ़जीएम)
यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेश फ़न्ड (यूएनएफ़पीए) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2020 में 4.1 मिलियन लड़कियों और महिलाओं का एफ़जीएम होने की आशंका है.