दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में 18 मार्च को तबलिगी समुदाय के लोगों के लिए एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें तबलिगी जमात के क़रीब 3000 लोग शामिल हुए थे. इनमें से 24 लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं. इनका इलाज दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. वहीं 200 से अधिक लोगों को निगरानी में रखा गया है.
ये धार्मिक कार्यक्रम दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद भी जारी रहा, जिसमें शामिल होने के लिए सैंकड़ों लोग देश के अलग-अलग राज्यों से आते रहे. इसलिए दिल्ली सरकार तबलिगी जमात के इस सेंटर(मरकज) के मौलाना के ख़िलाफ एफ़आईआर दर्ज कराएगी. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने बयान जारी कर कहा कि देश में 24 मार्च रात 12 बजे से ही लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. इसके बाद दिल्ली में Epidemic Disease Act लागू कर दिया गया था. इसमें 5 से अधिक लोगों के एक जगह जमा होने पर रोक है.
मगर इसे नज़रअंदाज़ करते हुए भी आयोजकों ने इतना बड़ा कार्यक्रम किया. ये बहुत बड़ी लापरवाही है और ये अपराध की श्रेणी में आता है. इन लोगों के ख़िलाफ जल्द से जल्द नियमों के तहत एफ़आईआर दर्ज की जाएगी. इनकी वजह से कई सैंकड़ों लोगों की जान पर बन आई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्यक्रम को अटेंड करने वाले लोगों की अब तलाश की जा रही.
ख़बर है कि इस कार्यक्रम में यूपी, तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर, अंडमान निकोबार समेत मलेशिया और इंडोनेशिया से आए लोगों ने भी हिस्सा लिया था. इन राज्यों की सरकारों को भी इस बारे में बता दिया गया है. वहीं तेलंगाना से ख़बर आई है कि इस कार्यक्रम में शामिल 6 लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया था, उनकी मौत हो गई है. अब इस कार्यक्रम में शामिल लोगों कि ट्रैवल हिस्ट्री देख ऐसे लोगों का पता लगाया जा रहा है जो इनके संपर्क में आए थे. निज़ामुद्दीन पश्चिम के इस इलाके के लोगों की स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तबलिगी जमात के इस सेंटर में इस्लाम के प्रचार-पसार के लिए उपदेश दिए जाते हैं. इसे अटेंड करने वाले लोगों को पूरे देश में इन संदेशों को आगे लोगों तक पहुंचाने का कार्य सौंपा जाता है.