24 साल के आज़ाद ने पहली बार खरीदी थी लॉटरी, किस्मत ने दिया साथ और निकला डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम

Rashi Sharma

बहुत से लोग लॉटरी पर पैसा लगा कर अपनी किस्मत आजमाते हैं, किसी का लक काम कर जाता है, तो कोई इनाम निकलने की उम्मीद में बार-बार लॉटरी खरीदता है. लेकिन रोहतक में हलवाई का काम करने वाले एक व्यक्ति के लिए पहली बार लॉटरी खरीदना बहुत फ़ायदेमंद साबित हुआ और वो रातों-रात करोड़पति बन गया.

आइये अब आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है. दरअसल, फतेहाबाद जिले के कस्बा भट्टू के छोटे से गांव दैय्यड़ में स्थित एक दुकान में हलवाई का काम करने वाले 24 वर्षीय आज़ाद सिंह के लिए लॉटरी खरीदना उसके लिए ज़िन्दगी का सबसे बड़ा और फ़ायदेमंद फैसला साबित हुआ. आजाद सिंह की डेढ़ करोड़ रुपये की लॉटरी निकली.

आपको बता दें कि आज़ाद सिंह की गांव में बस स्टैंड के पास एक छोटी सी दुकान है और एक मिट्टी का कच्चा घर है. उन्होंने पिछले साल दिसंबर में सिरसा में पंजाब सरकार द्वारा निकाली गई न्यू इयर बम्पर लॉटरी का ये टिकट खरीदा था.

मीडिया के हवाले से आज़ाद सिंह ने कहा, ‘मैंने 200 रुपये की ये लॉटरी केवल इसलिए खरीदी थी क्योंकि इसपर 400 रुपये का निश्चित इनाम था, लेकिन मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि इसको खरीदने के बाद मैं करोड़पति बन जाऊंगा.’ इसके बाद उन्होंने बताया कि वैसे तो इस लॉटरी का रिजल्ट जनवरी में घोषित होना था, लेकिन पंजाब में चुनाव के कारण इसकी घोषणा होने में देरी हो गई.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बीते सोमवार की शाम को जब उन्होंने लॉटरी का स्टेटस पता करने के लिए दीपक लॉटरी एजेंसी से फ़ोन किया और अपना नंबर मैच कराया, तो पता चला कि उनका नंबर पहले स्थान पर है और उनका टॉप प्राइज़ निकला है. उन्होंने कम से कम 10 बार सुनिश्चित किया कि उनका नंबर ही टॉप पर है कि नहीं. उनको बताया गया कि उनकी डेढ़ करोड़ रुपये की लॉटरी निकली है, जिसके बाद तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इसके बाद तुरंत ही आज़ाद ने अपने सभी रिश्तेदारों और दोस्तों को इसकी जानकारी दी.

मंगलवार की सुबह सब लोग आज़ाद के घर पहुंच गए और उनकी ख़ुशी का हिस्सा बने और ढोल बजाकर और नाच-गाकर उनकी ख़ुशी को दोगुना कर दिया. गांव के लोगों ने गांव में जुलूस निकाला और महिलाओं ने गीत गाए. जब से लोगों को आजाद सिंह की 1.50 करोड़ रुपये की लॉटरी निकलने की ख़बर लोगों को मिली है, तभी से उन्हें बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है.

आपको बता दें कि आज़ाद सिंह ने लोकल सरकारी स्कूल में केवल आठवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की, उसके बाद स्कूल छोड़ दिया. आज़ाद ने बताया कि इनाम में मिली धनराशि से वो कुछ रकम वो धार्मिक व समाजसेवा के कार्यों के लिए दान में देंगे और बाकी रुपयों से अपने माता-पिता के लिए एक पक्का घर बनवायेंगे, शादी करेंगे और अपना कोई व्यवसाय शरू करेंगे.

इसे ही कहते हैं कि किस्मत कभी भी आपके घर का दरवाज़ा खटकता सकती है. रास्ते में ऐसे ही एक दुकान से लॉटरी का टिकट ने आज़ाद के ऊपर धनवर्षा कर दी.

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