आज ये 3 युवक ज़िंदा होते, अगर सड़क पर खड़े लोग सेल्फ़ी लेने की बजाए उन्हें हॉस्पिटल पहुंचा देते

Akanksha Tiwari

कहां गया रे तू भगवान, यहां इंसानियत से उठ रहा है विश्वास.

तीन लोगों ने तड़प-तड़प कर सड़क पर दम तोड़ दिया, लेकिन सड़क पर खड़े लोग मदद करने की बजाए सेल्फ़ी लेते रहे. इंसानियत के टुकड़े-टुकड़े करने वाली ये दर्दनाक घटना राजस्थान के बाड़मेर ज़िले की है.

क्या है मामला?

हादसा बीते मंगलवार का है. दोपहर के लगभग करीब 2 बजे Chautahan के पास एक स्कूल बस और मोटरसाइकिल की भिड़ंत हुई, जिसमें बाइक सवार परमांनद (27), जेमाराम (30) और चंदराम (30) नामक तीन युवक बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए. एक्सीडेंट में परमांनद की मौके पर ही मौत हो गई, तो वहीं खून से लथपथ जेमाराम और चंदराम ज़मीन पर पड़े थे.

ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहा चंदराम लोगों से हाथ जोड़ कर मदद की गुहार लगा रहा था, लेकिन किसी ने भी उन्हें हॉस्पिटल तक पहुंचाना ज़रूरी नहीं समझा. ये सभी मूक दर्शक घटनास्थल पर सेल्फ़ी खींच रहे थे.

आख़िरकार जब तक पुलिस पहुंची बहुत देर हो चुकी थी और हॉस्पिटल ले जाते वक़्त घायल अवस्था में पड़े दोनों युवकों ने दम तोड़ दिया. इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि अगर तीनों को सही समय पर इलाज मिल जाता, तो उनकी जान बच सकती थी.

रिपोर्ट के अनुसार, मृतक गुजरात के कारखाने में बतौर मज़दूर कॉन्ट्रेक्टर काम करते थे, जिसके चलते वो राजस्थान मज़दूरों को किराये पर लेने आए थे और उनको दो दिन बाद गुजरात वापस लौटना था.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जेमाराम के ऊपर पत्नी और दो साल के छोटे बेटे की ज़िम्मेदारी थी, वहीं चंदाराम पर माता-पिता, पत्नी और पांच महीने की बेटी की. इसके अलावा परमानंद अभी तक कुंवारा था.

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