भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को कोई धनराशि नहीं मिलती, पर मिलती हैं ये 4 बड़ी सुविधाएं

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भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. ये सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है. इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल हैं. इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी. जब इसकी शुरूआत हुई थी तब इसे मरणोपरांत देने का प्रवधान नहीं था, ये प्रावधान 1955 के बाद बनाया गया. इसके बाद 13 व्यक्तियों को ये सम्मान मरणोपरांत दिया गया.  

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देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 8 अगस्‍त को वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा भारत रत्न दिया गया. राजनीतिज्ञ नानाजी देशमुख और गायक भूपेन हजारिका को भी मरणोंपरांत ये सम्मान दिया जाएगा.  

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मगर क्या आपको पता है कि इस सम्मान के साथ व्यक्ति को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती हैं:

1. वॉरंट ऑफ़ प्रिसिडेंस में मिलती है जगह

भारत रत्न पाने वाले व्यक्ति को सरकार ‘वॉरंट ऑफ़ प्रिसिडेंस ‘में जगह देती है. ये एक किस्म का प्रोटोकॉल है. जब प्रोटोकॉल को फ़ॉलो किया जाता है, तब उन्हें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है. 

2. नहीं मिलती कोई धनराशि

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भारत रत्न पाने वालों को कोई धनराशि नहीं मिलती है. सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र और तमगा दिया जाता है. इस तमगे पर एक सूर्य बना होता है, जबकि बैकग्राउंड में पीतल पत्ते की आकृति होती है. इस तमगे पर हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है. 

3. फ़्री सफ़र की सुविधा

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जिन्हें भारत रत्न मिल जाता है. उनके लिए रेलवे की यात्रा मुफ़्त होती है. इसके अलावा दिल्ली सरकार उन्हें फ़्री बस सेवा की सुविधा भी प्रदान करती है.   

4. विज़िटिंग कार्ड पर लिख सकते हैं सम्मान का नाम

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भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति अपने विज़िटिंग कार्ड पर अपने सम्मान का नाम लिख सकते हैं. मगर ‘राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित’ या ‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’ ही लिख सकते हैं. 

ग़ौरतलब है कि सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के बाद मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 है. अबतक ये सम्मान स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर, क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर और अटल बिहारी बाजपेयी को मिल चुका है.

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