40 साल पुराने सपने को पूरा करने के लिए, ये Peon रिटायरमेंट के बाद हेलिकॉप्टर से घर वापस गया

Kundan Kumar

क्या आपने कोई ऐसा सपना देखा है, जिसे पूरा करने के लिए उम्र गुज़ार दें? जिस सपने का मज़ाक ज़िंदगी भर उड़ाया जाए, फिर भी आप उसे पूरा करने के लिए अपने ज़िदद् पर अड़े रहें. 60 साल के कूड़े राम ने एक ऐसा ही सपना देखा था और जिसे पूरा भी किया. 

HT

फरीदाबाद के नीमका गांव के सरकारी स्कूल में चपरासी के पद से रिटायर हुए कूड़े राम का सपना था कि वो कभी हेलीकॉप्टर पर बैठे. इस सपने को कूड़े राम ने नौकरी से रिटायर होने के दिन पूरा किया. आख़िरी दिन वो स्कूल गए तो साइकिल से लेकिन घर वापस हेलिकॉप्टर पर आए. 

Good Return

कूड़े राम ने कहा कि उनका बचपन का सपना था कि वो प्लेन में यात्रा करे, लेकिन न उन्हें ऐसा करने का मौका मिला और न ही उनके पास हवाई यात्रा करने लायक पैसे थे. 

मैं जब भी अपने परिवार वालों को बताता कि मैं सपने में हेलिकॉप्टर देखता हूं, तब वो मेरा मज़ाक उड़ाते थे. यहां तक के मेरे बचपन के दोस्त भी मुझे छेड़ते थे और कहते थे कि मेरा सपना बहुत बड़ा है, इस जन्म में पूरा नहीं होगा.

मंगलवार को कूड़े राम हेलिकॉप्टर में बैठे, बैठने से पहले उन्होंने उसे पूरी तरह से देखा. कॉकपिट मे उनके साथ पत्नी, एक बेटी और उसका बच्चा भी था. यह यात्रा 15 मिनट की रही. 

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हेलिकॉप्टर में उड़ान भरने के लिए डिप्टी कमिश्नर के अलावा कई अधिकारियों की मंज़ूरी चाहिए होती है, कूड़े राम जब भी मंज़ूरी पत्र लेकर किसी के पास जाते तो वह काफ़ी हंसता, वो कूड़े राम से पूछते कि वो इतना पैसा सिर्फ़ एक ‘मज़े की उड़ान’ के लिए क्यों ख़र्च कर रहा है. 

ये पैसों के बारे में नहीं था, ये मेरा 40 साल पुराना सपना था. मैं लोगों को समझा नहीं पाता था कि इस मैं लम्हें के लिए जिया हूं. मैं जब उनसे पूछता कि क्या ऐसा करना अनैतिक या ग़ैरक़ानूनी है तब उनका जवाब होता था ‘नहीं’.
Amar Ujala

जिस दिन यह वाकया हुआ, उस दिन कूड़े राम के रिश्तेदार पूरे गांव में घूम कर लोगों को बुला रहे थे. 7,000 हज़ार लोग इक्ट्ठा हुए, सब के खाने की व्यवस्था की गई थी. कूड़े राम ने भोज के लिए 3.5 लाख रुपये और हेलिकॉप्टर और उसकी मंज़ूरी के लिए 3.25 लाख रुपये ख़र्च किए. 

कूड़े राम की पत्नी ने कहा कि वो अपने सपने के पूरा करने के लिए अपने वेतन का 10% हिस्सा बचा कर रखते थे. कूड़े राम अब अपने गांव और आस-पास के गांव में मशहूर हो गए हैं. 

फरीदाबाद के डिप्टी कमिश्नर अतुल कुमार का कहना है कि उन्हें कूड़े राम के मंज़ूरी पत्र के बारे में याद तो नहीं लेकिन उन्होंने इससे पहले ऐसी चीज़ नहीं सुनी थी. 

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