न श्राद्ध, न दहेज और न बिकेगी शराब, 8 पंचायतों के इस फ़ैसले के लिए तालियां बजती रहनी चाहिए

Sanchita Pathak

भारत में शादी हो या श्राद्ध, बिना ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च के पूरा नहीं होता.


दहेज को लेकर तो कई परिवारों का मानना है कि ‘अरे लोगों को दिखाने के लिए तो चाहिए!’  

दहेज, शराब जैसी सामाजिक कुरीतियों के ख़िलाफ़ 8 ग्राम पंचायतों ने कमर कस ली है. Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, मथुरा के 8 ग्राम पंचायतों ने इन कुरीतियों पर पाबंदी लगाई है. 

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Times of India से बात करते हुए लैंड डेवलपमेंट बैंक के चेयरमैन चौधरी गोविंद सिंह ने बताया कि इससे न सिर्फ़ स्थानीय निवासियों को फ़ायदा होगा बल्कि ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च भी बंद होगा.

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हमारी कोशिश बहरूपियों का पर्दाफ़ाश करके जागरूकता फैलाने की है.  

-गोविंद

गोविंद सिंह का ये भी कहना है कि दहेज प्रथा पर पूरी तरह से पाबंदी लगानी होगी. शराब पीते हुए पकड़े जाने पर 1100 का जुर्माने का भी नियम बनाया गया है.  

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