उत्तर पूर्वी दिल्ली ने बीते कुछ दिनों में तबाही के कई मंज़र देखे. कई मासूम जिंद़गियां हिंसा का शिकार हुईं. परिजन इंतजार करते रहे लेकिन उनके अपने फिर कभी लौटकर नहीं आए. एक ऐसा ही खौफ़नाक मंज़र भजनपुरा के गामड़ी गांव के रहने वाले सैयद सलमानी ने भी देखा. उनके आंखों के सामने उनकी 85 वर्षीय बूढ़ी मां ने आग की आग़ोश में दम तोड़ दिया और वो कुछ न कर सके.
ये सब तब हुआ जब सैयद सलमानी मंगलवार को घर से दूध लेने निकले थे. तब ही उनके घर पर 100 के क़रीब दंगाईयों की एक भीड़ ने हमला बोल दिया. सैयद के छोटे बेटे ने उन्हें फ़ोन पर घटना की सूचना दे दी. वो तुरंत ही घर की ओर दौड़ पड़े लेकिन आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि वो अंदर न जा सके. 85 वर्षीय अकबरी घर की ऊपरी मंज़िल पर फंस गईं, आग की धुंए से उनका दम घुट गया और उनकी मौत हो गई.
Scroll से बातचीत के दौरान सलमानी ने बताया कि उन्हें लगा था कि उनका परिवार अब नहीं बचेगा. ‘ख़तरा होने की वजह से मुझे अंदर नहीं जाने दिया गया. लोगों ने कहा कि जो होना था वो हो गया, अगर तुम अंदर जाओगे तो दंगाई तुम्हें भी मार देंगे. मैं घंटों फंसा रहा और ये सोचता रहा कि मेरा पूरा परिवार ख़त्म हो चुका होगा.’
सैयद बाहर बेबस खड़े होकर अपनी आंखों के सामने वो दर्दनाक मंज़र देखते रहे और अंदर उनकी बुज़ुर्ग मां ने आग के धुंए में घुट-घुट कर अपना दम तोड़ दिया.
सैयद सलमानी को एक तरफ़ अपनी मां को खोने का दुख है, तो दूसरी तरफ़ अपने परिवार को पालने की चिंता. सलमानी की टेलर की दुक़ान समेत उनका पूरा घर जल चुका है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके घर में रखे 8 लाख रुपये समेत सारी ज्वैलरी भी दंगाईयों ने लूट ली.
सैयद अब बस इतना ही चाहते हैं कि उनकी मां का अंतिम संस्कार मेरठ में उनके गांव में किया जाए.