9/11 के मास्टरमाइंड ने बराक ओबामा को लिखी चिट्ठी, अमेरिका को ही बताया हमले का ज़िम्मेदार

Pratyush

अमेरिका के दिल दहला देने वाले 9/11 हमले का ख़्याल आज भी दिमाग में आता हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं. एक हमला​ जिससे पूरा अमेरिका हिल गया था और Twin Tower के मलबे की नीचे कहीं इंसानियत दब गई थी. इस ज़ख्म को एक बार फिर खुरेद दिया है, इसके मास्टरमाइंड खालिद शेख़ मोहम्मद के पत्र ने.

खालिद ने 18 पन्नों का पत्र अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को लिखा है.

इस पत्र में उसने साफ़ कहा है ​कि अमेरिका की विदेश नीति की वजह से ही 9/11 हमला हुआ था और निर्दोष लोग मारे गए थे. इस पत्र की कॉपी खालिद के वक़ील David Nevin ने दी है. उसने बताया कि खालिद ये पत्र 2014 से लिख रहा है.

b’Source- AFP xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0 9/11 Attack’

इस पत्र पर 8 जनवरी, 2015 की तारीख़ लिखी है, लेकिन ये वाइट हाउस दो साल बाद पहुंचा, जिस दिन बराक ओबामा के राष्ट्रपति पद का आख़िरी दिन था. ख़बर के अनुसार सैन्य न्यायाधीश ने Guantanamo Prison Camp यानि वो जेल जहां खालिद कैद था, उसे आदेश दिया था कि ये पत्र वाइट हाउस तक पहुंचाया जाए.

पत्र में लिखा था, ‘वो हम नहीं थे जिन्होंने 9/11 की जंग की शुरुआत की, वो तुम थे और हमारी ज़मीन पर तुम्हारी तानाशाही थी’.

खालिद का कहना था कि-

हमले के दिन ईश्वर हाइजैकर के साथ था. अल्लाह ने 9/11 को संभव बनाने में हमारी मदद की थी. तुम्हारे दिखावे और मजबूत लोकतंत्र का पर्दाफ़ाश करने में और पूंजीवादी और अर्थव्यवस्था को नष्ट करने में भी वो हमारे साथ था.

खालिद में अमेरिका की सभी क्रूर और बर्बर नरसंहार पर अफ़सोस जताते हुए लिखा कि हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमले से ​लेकर वियतनाम तक और फिलीस्तीनियों की दुर्दशा के ज़िम्मेदार तुम हो. तुम्हारे हाथ हमारे भाई-बहनों और बच्चों के खून में सने हैं जो ग़ाज़ा में मारे गए थे.

b’Source- Reuters xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0 xc2xa0Khalid Sheikh Mohammed xc2xa0File Photo’

खालिद जिसे प्लेन हाईजैकिंग और 3 हज़ार लोगों की मौत का मास्टर प्लैन बनाने के लिए मौत की सज़ा हुई थी, उसे मौत का बिल्कुल खौफ़ नहीं था. उसने लिखा कि वो मौत के बारे में बड़ी खुशी-खुशी बात करता है.

खालिद को समुद्र में CIA के किसी खूफ़िया ठिकाने पर रखा गया था.

पत्र में उसने ये भी लिखा कि अगर कोर्ट उसे उम्रकैद देती है, तो वो खुशी-खुशी पूरा जीवन जेल में अल्लाह को याद करेगा और उससे अपने सभी गुनाह को माफ़ करने की दुआ करेगा. अगर कोर्ट उसे मौत की सज़ा देगा तो उसे अल्लाह से मिलने और ओसामा बिन लादेन से मिलने की और खुशी होगी.  

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