सीएम योगी के बयान से सियासत में हलचल, सूर्य नमस्कार और नमाज़ को बताया एक जैसा

Akanksha Tiwari

आदित्यनाथ योगी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से यूपी में हिंदुत्तव की राजनीति की अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन योगी के फै़सले सभी अटकलों को ग़लत साबित कर रहे हैं.

बीते बुधवार को सीएम योगी ने नमाज़ और सूर्य नमस्कार को मिलता-जुलता स्वरुप बताया. उन्होंने कहा कि समाज को तोड़ने वाले कुछ लोगों की वजह से सूर्य नमस्कार का विरोध किया जाता रहा है. योगी ने कहा कि सूर्य नमस्कार में जितने आसन और मुद्राएं आती हैं, वो मुस्लिम बंधुओं के नमाज़ पढ़ने की क्रिया से मिलती-जुलती हैं. योगी ने ये भी कहा, ‘कुछ लोगों को योग में नहीं, भोग में विश्वास है और वही लोग समाज को तोड़ने का काम करते है.’

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लखनऊ में आयोजित 3 दिवासीय योग शिविर के उद्धघाटन पर योगी ने ये बातें कहीं. उन्होंने ये भी कहा कि पिछली केंद्र और राज्य सरकारों से ऐसे ही कार्यक्रम की अनुमति मांगी गई थी, तो उन्होनें इसे साम्प्रदायिक करार दिया था.

योगी ने कहा कि अगर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव 2014 से पहले आता, तो इसे सांप्रदायिक माना जाता. उन्होंने मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने पूरी दुनिया में योग को फैलाया और उसे बढ़ावा दिया है.

विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा स्कूलों में योग और सूर्य नमस्कार अनिवार्य बनाने का निर्णय लेने के बाद, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इसके खिलाफ़ एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था.

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उन्होंने योग के कई फ़ायदे बताए और कहा, “2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेने वाले देशों की संख्या 175 थी, जो अगले वर्ष 192 होगी.”

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