हाल ही में एक जर्मन इतिहासकार के अनुसार, न सिर्फ़ अडॉल्फ़ हिटलर के आख़री भोजन के बारे में पता चला है, बल्कि कई और बातें भी सामने आयी हैं. हिटलर ने 1930 के दशक में मांस खाना छोड़ दिया था.
Constanze Manziarly 23 वर्ष की थीं जब 1943 में उन्होंने हिटलर के लिए एक स्पेशलिस्ट डाइट कुक के तौर पर काम करना शुरू किया. अगले दो साल के लिए 1945 तक वो हिटलर के साथ ही रहीं. Manziarly के होमटाउन Innsbruck के शोधकर्ता Stefan Dietrich ने कुछ व्यक्तिगत पत्रों का ख़ुलासा किया है, जो इस कुक ने अपनी बहन को 1944 में लिखे थे.
अपनी बहन को लिखे गए पत्रों में वो इस बात की शिकायत करती हैं कि एक Specially Trained Rawfood कुक होने के बावजूद भी उन्हें हिटलर को ख़ुश रखने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. हिटलर की अजीब मांगों की वजह से उनके सामने आये दिन कोई न कोई अकल्पनीय कठिनाई खड़ी हो जाती है, जिसे वो बयां भी नहीं कर सकती. Manziarly ये भी लिखती हैं कि हिटलर कभी-कभी अपना नियंत्रण खो देते हैं और देर रात Generals के साथ मीटिंग करते हुए सारे केक्स खा जाते हैं. मैं हर दिन समय लगा कर बहुत सारे केक बेक करती हूं लेकिन शाम होते ही चुटकी में सब ख़त्म हो जाते हैं.
अपना स्नेह दिखने के लिए हिटलर ने Manziarly को उपहार में स्टॉकिंग्स भी दिए. इसके बारे में वो अपने बहन को लिखती हैं कि बॉस को महिलाओं के फ़ैशन के बारे में कुछ ज़्यादा पता नहीं है.
October 1944 से Manziarly अपने पत्रों में कोड वर्ड्स का इस्तेमाल करने लगीं, जिसमें हिटलर के लिए वो Chief Doctor के शब्द का प्रयोग करती थीं. 30 अप्रैल 1945 को Manzarilay ने हिटलर के लिए आख़री भोजन तैयार किया जिसमें आलू और तले हुए अंडे थे लेकिन उसे खाने से पहले ही हिटलर ने आत्महत्या कर ली. ख़ुद को गोली मारने से पहले, बर्लिन के इस बंकर में हिटलर ने पास्ता और टोमेटो सॉस खाया था.
हिटलर के मौत के दो दिन बाद, Manziarly को रूस की Red Army के दो सैनिक पकड़ कर ले गए. इसके बाद उनको कभी नहीं देखा गया.