1858 में अंग्रेज़ों ने इलाहाबाद शहर का नामकरण किया था. अब 160 साल बाद योगी सरकार ने इसका नाम प्रयागराज करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. आज सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इलाहाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई. अब इसे इसके पुराने नाम ‘प्रयाग’ से ही जाना जाएगा.
वैदिक काल से ही संगम नगरी इलाहाबाद को प्रयाग के नाम से जाना जाता था. कहा जाता है कि यहीं पर भगवान ब्रह्मा ने सृष्टी का निर्माण कर पहला बलिदान दिया था. अब सदियों बाद इलाहाबाद को फिर से उसके पुराने नाम से ही बुलाया जाएगा.
यूपी सरकार के इस फ़ैसले पर लोगों ने मिले-जुले रिएक्शन दिए हैं. कोई से ठीक, तो कुछ इसका विरोध करते दिख रहे हैं. आप भी देखिए लोगों ने योगी सरकार के इस फ़ैसले पर कैसे रिएक्ट किया है.
I m sure once we r done renaming all places to thr Original Hindu names all these places will bcom-
Safe havens for women & childrenAgriculture & small Industries will flourishPeople will stop throwing garbageCant wait for tht magic to start happening#Allahabad to #Prayagraj https://t.co/TwCSiFle2s— Saqib Khawaja 🇮🇳 ثاقب 🇮🇳 (@Saqibkhawaja_) October 16, 2018
Modi Ji : Rupee is falling continuously, what should we do to fix it?
Yogi : Rupee Ka naam badal kar Kuwaiti Dinar rakh do#Prayagraj— Siona Gogoi (@AtomicBlow) October 15, 2018
*Boy from Allahabad born in Oct 18*
“I was born in Allahabad and brought up in Prayagraj” #AllahabadNowPrayagraj— Amey Kulkarni (@Kulkarnium) October 16, 2018
Prayagraj is back after 443 years!!
Thank you @myogiadityanath ji. I look forward to ‘2019 kumbh’ in Prayagraj. #PRAYAGRAJ #YogiAdityanath https://t.co/XdAIfk9lis— Koena Mitra (@koenamitra) October 16, 2018
भले ही सरकारें किसी भी शहर का नाम बदल लें, लेकिन लोगों के दिलों से उस शहर का पुराना नाम नहीं निकाल सकती. इसका सटीक उदाहरण बैंगलोर, कलकत्ता और गुड़गांव हैं, जिनके नाम तो बदल दिए गए हैं. पर लोग आज भी इन शहरों का ज़िक्र करते वक़्त पुराने नाम का ही इस्तेमाल करते हैं.