धरती का सीना चीर कर, नदी के गर्भ से प्रकट हुई मां भद्रकाली की 1000 साल पुरानी प्रतिमा

Sumit Gaur

हिंदुस्तान के कण-कण में इसका इतिहास बसा हुआ है. इसका सबूत भी समय-समय पर मिलता ही रहता है. ताज़ा वाकया तमिलनाडु के एक गांव इराविमंगलम का है, जहां एक नदी में खुदाई के दौरान प्राचीन मूर्ति का पता चला है.

इतिहासकारों के मुताबिक, ये मूर्ति मां भद्रकाली है. प्रसिद्ध इतिहासकार वी. नारायणमूर्ति का कहना है कि ‘पत्थर की बनी ये मूर्ति 100 सेमी लंबी और 137 सेमी चौड़ी है, जिस पर खूबसूरती के साथ नक्काशी की गई है.’ नारायणमूर्ति आगे कहते हैं कि ‘ये मूर्ति कम से कम 1000 साल पुरानी प्रतीत होती है. इस मूर्ति में देवी काली एक पत्थर पर बैठी हुई महसूस होती हैं. इसमें उनका एक पैर असुर पर रखा हुआ है, जबकि दूसरा पैर उनके ऊपर है.’

इस मूर्ति में मां भद्रकाली की एक हथेली में खोपड़ी और दूसरे हाथ में त्रिशूल है, जबकि अन्य हाथों में वो ड्रम, ढाल और घंटियां धारण किए हुए हैं. इसके अलावा उनके सिर पर एक मुकुट विराजमान है. नारायणमूर्ति कहते हैं कि ‘इस मूर्ति को बनाने वाले ने काफ़ी ख़ूबसूरत ढंग से चेहरे पर तेज और गुस्से को उकेरा है.’

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