बिना बिजली और इंटरनेट के मज़े से रहते हैं इस गांव के लोग, वैदिक विलेज के नाम से है फ़ेमस

J P Gupta

Kurmagram: आज के समय में कोई बिजली, गैस, मोबाइल और इंटरनेट के बिना रहने की सोच भी नहीं सकता. मगर आंध्र प्रदेश में एक ऐसा गांव है जहां के लोग चूल्हे पर खाना पकाते हैं, बिना बिजली के रहते हैं, इंटरनेट और मोबाइल के बिना ख़ुशी-ख़ुशी रह रहे हैं.

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आप सोचेंगे कि शायद इस गांव के लोग बहुत ही ग़रीब होंगे, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है. उन्होंने इन सब चीज़ों का त्याग अपनी मर्ज़ी से किया और इन सब भौतिक चीज़ों के बिना ही वैदिक काल में जैसे लोग रहा करते थे, वैसे ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

56 लोग रहते हैं यहां

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इस अनोखे गांव का नाम है कुर्माग्राम, ये आंध्र प्रदेश के IT हब श्रीकाकुलम ज़िले में है. यहां पर 14 परिवार और कुछ अन्य लोग रहते हैं. वो खेती कर फल, सब्ज़ियां और अनाज उगाते हैं. इसी का खाना वो गैस पर नहीं बल्कि चूल्हे पर पकाकर खाते हैं.

ख़ुद ही सिलते हैं अपने कपड़े

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ये सभी कृष्ण भक्त हैं और इन्होंने अपना जीवन उनकी सेवा में समर्पित किया है. इन्होंने सादा जीवन और उच्च विचार के पथ पर चलने का संकल्प लिया है. इनके घर मिट्टी के बने हैं. अपने कपड़े भी ये स्वयं ही सिलते हैं. श्रीकृष्ण की तरह ही ये भी गो-पालक हैं और उनसे मिले दूध-गोबर का इस्तेमाल करते हैं.

दिया जाता है शास्त्रों का ज्ञान

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सांसारिक मोह-माया यानी डिजिटल उपकरणों और मशीनों यहां के लोगों का कोई नाता नहीं है. फ़ोन के नाम पर बस एक ही लैंडलाइन फ़ोन है जो आपात स्थिती या अन्य ज़रूरी कार्यों के लिए ही इस्तेमाल होता है. यहां एक गुरुकुल भी है जहां छात्रों को वेद, शास्त्र आदि की शिक्षा दी जाती है. बच्चों के पास 3 विकल्प है: भक्ति वृक्ष, भक्ति शास्त्री और भक्ति वैभव. इन तीनों पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करने में लगभग 10 साल लग जाते हैं. इसके बाद छात्र चाहे तो आगे की पढ़ाई कर सकता है या फिर जॉब.

बन गया है पर्यटन स्थल

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बच्चों को गणित, विज्ञान, संस्कृत, तेलुगु, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, कला और नैतिक शिक्षा भी दी जाती है. यहां के लोग सुबह 3:30 पर उठ जाते हैं और 7:30 बजे तक सो जाते हैं. उन्हें फ़िट रखने के लिए यहां तैराकी, कबड्डी, 7 पत्थर जैसे खेल भी खिलाए जाते हैं. TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये गांव अब एक फ़ेमस पर्यटन स्थल बन गया है. यहां हर सप्ताह हज़ारों लोग घूमने आते हैं. यहां आए लोगों को ये अपने हाथों से बना प्रसादम भी खिलाते हैं.

कुछ विदेशी भी रहते हैं यहां

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कुर्माग्राम में कुछ विदेशी भी रहते हैं, जो कृष्ण भक्त हैं. यहां के गुरुकुल के मुखिया नातेश्वर नरोत्तम दास का कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भगवत गीता में जो बताया है, उसी पर वे लोग जीवन जीते हैं. बहुत से लोग ऐसे हैं जो अच्छी-खासी जॉब छोड़कर कृष्णभक्त बन यहां आकर रह रहे हैं.

क्या इस गांव में बसना चाहेंगे आप?

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