कंबोडिया के पार्क में दफ़न थी बुद्धा की 6 फ़ुट लंबी मूर्ति, विशेषज्ञों ने कहा इसे महत्वपूर्ण खोज

Vishu

कंबोडिया के मशहूर Angkor Archaeological Park में जब पुरातत्ववादियों का जत्था खुदाई करने पहुंचा तो ज़्यादा लोगों को यहां से कोई खास उम्मीद नहीं थी. लेकिन यहां जो मिला, उसे देख कर सब हैरान रह गए. यहां सदियों पुरानी एक 6 फ़ीट लंबी और 200 किलो वज़नी बुद्धा की मूर्ति मिली है. ये मूर्ति जिस पार्क के क्षेत्र से मिली है वो 800 साल पुराना है.

अप्सरा अथॉरिटी एक सरकारी संस्था है जो अंगकोर पार्क को मैनेज करती है. इस अथॉरिटी के साथ काम करने वाले पुरातत्वविद् Im Sokrithy के मुताबिक, हम इस खोज से बेहद हैरान हैं. उनके मुताबिक, ऐसी चीज़ें तो इससे पहले केवल फ़िल्मों में ही देखी थीं. पुरातत्वविदों को अपने कैंपेन के दूसरे ही दिन इतनी बड़ी सफ़लता हासिल हुई है. ये मूर्ति 30 जुलाई को खुदाई में पाई गई थी. Archaeologists ने इसे हालिया सालों की सबसे महत्वपूर्ण खोज के तौर पर शुमार किया है.

इस खुदाई के लिए अप्सरा प्रशासन ने Rethy Chhem को सलाहकार बनाया. Rethy एक यूनिवर्सिटी प्रोफ़ेसर और रेडियोलॉजिस्ट हैं जो कंबोडिया डेवलपमेंट रिसोर्स इंस्टीट्यूट के हेड हैं. अप्सरा अथॉरिटी ने प्रेस रिलीज़ में कहा कि ये मूर्ति ज़मीन से महज़ 16 इंच नीचे ही दफ़न थी. उस ज़माने की आभूषण और वेशभूषा को आज भी देखा जा सकता है. हालांकि इस मूर्ति के दोनों ही पैरों का कुछ हिस्सा गायब था.

अप्सरा अथॉरिटी के मुताबिक, 12वीं शताब्दी में राजा जयवर्मन VIII ने 102 अस्पतालों का निर्माण किया था. इन अस्पतालों में लकड़ी की कारीगरी की गई थी. जयवर्मन का कार्यकाल सामाजिक प्रोग्राम के हिसाब से बेहद शानदार रहा है. इस अस्पताल में लकड़ी की इमारतें और पत्थरों से गड़ा हुआ एक पूजास्थल भी है, लेकिन अब यहां लकड़ी की कारीगरी काफ़ी हद तक खत्म हो चुकी हैं. दक्षिण पूर्व एशिया में Angkor को एक महत्वपूर्ण Archaeological Site के तौर पर शुमार किया जाता है. ये क्षेत्र पिछले कई सालों से पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है. हर साल यहां 20 लाख से ज़्यादा पर्यटक पहुंचते हैं.

इस जगह की कई मूर्तियां कंबोडिया के क्रूर Khmer Rouge के शासनकाल में नष्ट कर दी गई थीं. इस शासनकाल के बाद कई स्तरों पर लूटपाट भी देखी गई थी. 13वीं शताब्दी के मध्य में बुद्ध की कई मूर्तियों को बर्बाद किया गया था. इन मूर्तियों को तोड़ने का प्रयास दरअसल देश में ब्राह्मण राज को लाने की कोशिश थी. जो मूर्तियां बची रह गई थीं, उन्हें लूटा गया था. हालांकि कई ऐसी भी मूर्तियां थी जिनकी असामाजिक तत्वों से सुरक्षा के लिए उन्हें दफ़ना कर दिया गया था. इस मूर्ति को पार्क के म्यूज़ियम में ले जाया जाएगा जहां इसे साफ़ कर पर्यटकों के लिए रख दिया जाएगा.  

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