एशियन गेम्स-2018 में मेडल जीतने के बाद, फिर से चाय की दुकान पर काम करने को मजबूर है ये एथलीट

Ravi Gupta

एशियन गेम्स में इंडिया ने इस बार कुल 69 मेडल जीते हैं. इनमें से एक मेडल जीता है Sepaktakra एथलीट हरीश ने. ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने वाला ये खिलाड़ी घर वापस आ गया है और अब चाय की दुकान पर काम कर रहा है. वही चाय की दुकान जो उसके घर की रोज़ी रोटी है. वही चाय की दुनिया जिससे उसके घर में सभी लोग खाना खा पाते हैं.

YouTube

HT के अनुसार, हरीश किसी गांव से नहीं, बल्कि दिल्ली से ताल्लुक रखते हैं. मजनू के टीले के पास उनकी चाय की दुकान है. वापस आने के बाद हरीश बताते हैं कि जब तक सरकार जॉब नहीं दे देती उनके पास सिर्फ़ यही ऑप्शन है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकार राज्य सरकार के अधीन सरकारी जॉब देती है.

ANI

वो बताते हैं कि 2 बजे से 6 बजे तक का समय वो सिर्फ़ प्रैक्टिस के लिए रखते हैं और बाकी टाइम पापा के साथ चाय की दुकान में काम करते हैं. हरीश का मानना है कि आज वो जो कुछ हैं, सिर्फ़ अपने कोच हेमराज की वजह से हैं. उन्होंने ही साल 2011 में मुझे इस खेल के लिए अप्रोच किया था. उन्होंने ही मुझे ‘स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया’ से मिलाया. जिसके बाद मुझे हर महीने कुछ फ़ंड और प्रैक्टिस करने के लिए सामान मिलने लगा. मैं हर दिन प्रैक्टिस करता था क्योंकि मुझे देश के लिए मेडल जीतना था.

वहीं हरीश की मां सरकार का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करती हैं कि प्रैक्टिस के समय सरकार ने उन्हें खाना और छत दी. वहीं हरीश के भाई धवन भी ‘स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया’ का धन्यवाद करते हैं. साथ में ये भी उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हरीश को सरकारी जॉब मिल जाए ताकि उनके घर का पालन-पोषण अच्छे से हो सके.

Sports India Show

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाली दिल्ली की दिव्या ने भी ख़िलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं पर सवाल उठाए थे.

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे