कोरोना महामारी के बावजूद अमेरिकी चुनावों में जम कर वोटिंग हुई है. और ये वोटिंग सिर्फ़ जमीन पर ही नहीं हुई है. करोड़ों की तादाद में वोट डाले गए हैं. मगर उनमें से एक वोट बेहद ख़ास है जिसे अंतरिक्ष से डाला गया है. जी हां, सही सुना आपने, अंतरिक्ष से भी वोटिंग हुई है.
इस साल NASA की अंतरिक्ष यात्री केट रूबिंस ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अमेरिकी चुनावों में वोट डाला है. अब सवाल उठता है कि जमीन से 200 मील ऊपर, 17 हज़ार मील प्रति घंटा की रफ़्तार से पृथ्वी का चक्कर काटने वाले ISS से वोटिंग कैसे की गई होगी?
अंतरिक्ष से वोटिंग की प्रक्रिया
एक Q&A सेशन में केट रूबिंस ने इस पूरी प्रकिया के बारे में विस्तार से बताया. दरअसल, ये पूरी प्रक्रिया Absentee Ballot से होने वाली वोटिंग जैसी ही है. अमेरिका में Absentee Ballot का इस्तेमाल कर कोई भी व्यक्ति पोलिंग बूथ पर गए बिना वोट डाल सकता है, जैसे कि दूसरे देश में कार्यरत कर्मचारी, सैनिक इत्यादि.
NASA के मुताबिक़, अंतरिक्ष यात्री द्वारा वोटिंग की जा सके, इसकी तैयारी उसके अंतरिक्ष यात्रा से पहले ही शुरु हो जाती है. अंतरिक्ष में जाने से पहले उन्हें एक Federal Postcard Application (FPCA) फ़ॉर्म भरना होता है, जो एक तरह का वोटिंग रजिस्ट्रेशन फ़ॉर्म है. इसे चुनाव से 6 महीने पहले भरना होता है जिसमें अंतरिक्ष यात्री को अपना पूरा नाम, पता, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी, वोटर आईडी जैसी डिटेल्स देनी होती हैं.
इस फ़ॉर्म को NASA सचिवालय में जमा करवाता है और वोटिंग के लिए अनुमति लेता है. यहीं से उसे एक सीक्रेट इलेक्ट्रॉनिक बैलट पेपर मिलता है.
चुनाव से एक दिन पहले अंतरिक्ष यात्री को एक ईमेल भेजा जाता है. इस ईमेल में एक ख़ास लिंक होता है जिसे क्लिक करते ही एन्क्रिप्टेड ई- मतपत्र अपलिंक हो जाता है. अब अंतरिक्ष यात्री अपने पसंद के उम्मीदवार को बटन दबाकर वोट दे देता है. डाले गए वोट को धरती पर काउंटी के क्लर्क दफ़्तर में भेज दिया जाता है.
प्राइवेसी के लिए केट रूबिंस ने अपने सोने वाले एरिया में एक वोटिंग बूथ भी बनाया था, जिसपर स्टीकर लगा था- ISS Voting Booth.
ये कोई पहला मौका नहीं है जब अंतरिक्ष से मतदान हुआ है. पहली बार साल 1997 में अंतरिक्ष यात्री डेविड वुल्फ ने अंतरिक्ष से वोट डाला था. साल 2016 में भी एडवर्ड माइकल फिंक और ग्रेग चैमिटॉफ ने अंतरिक्ष में रहते हुए मतदान किया था. आज से 23 साल पहले पास हुए एक बिल ने अपनी यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को मताधिकार प्रयोग करने का अधिकार दिया था.