चीन हमेशा से ही अपनी नई-नई तकनीक के लिए पूरी दुनिया में विख़्यात है. भारत समेत अधिकांश दक्षिण एशियाई देश छोटे से लेकर बड़ा हर प्रकार का सामान चीन से ही आयात करते हैं. यही चीन की बढ़ती इकॉनमी का मुख्य कारण भी है. कहा जाता है कि चीन की सड़कें दुनिया की सबसे बेहतरीन सड़कों में से एक हैं. क्योंकि चीन का सिविल कंस्ट्रक्शन वर्क पूरी दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है. चीन आये दिन कुछ न कुछ ऐसा करता है जिससे दुनिया भर में हलचल होती है.
अब चीन ने समुद्र के ऊपर एक ऐसे पुल का निर्माण किया है जिसकी लम्बाई 55 किमी है. चीन के Zhuhai शहर को हांगकांग और मकाऊ से जोड़ता ये पुल दुनिया का सबसे लम्बा पुल है. बताया जा रहा है कि इस Six Lane Bridge को बनाने के लिए 60 आइफ़िल टावर से भी ज़्यादा स्टील का इस्तेमाल किया गया है. ये पुल चार टनल और चार आर्टिफ़िशियल आइलैंड्स से होता हुआ हांगकांग और मकाऊ को चीन से जोड़ेगा. दुनिया भर के देशों की आलोचना झेलने के बाद भी चीन ने इस पुल का निर्माण पूरा कर लिया है. चीन ने Foreign Media को इस पुल की कवरेज के लिए आमंत्रित भी किया है.
चीनी अधिकारियों का कहना है कि इस पुल से प्रतिदिन तकरीबन 40,000 वाहन गुज़रने की उम्मीद है. ये पुल चीन की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. जबकि हाई स्पीड रेल लिंक चीन की दूसरी सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है.
हांगकांग जो कि साल 1997 में ब्रिटिश शासन से अलग होकर ‘एक देश, दो प्रणाली’ समझौते के तहत चीन में शामिल हो गया था. इस समझौते के तहत हांगकांग को अलग क़ानून व्यवस्था और विधान परिषद प्रदान की गयी है. चीन के इस पुल के ज़रिये हांगकांग को जोड़ना भी उसके फ़ायदे का सौदा है क्योंकि हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि संविधान द्वारा दी गयी स्वतंत्रता से अलग चीन इस शहर को अपने अधिकार क्षेत्र में लेना चाहता है.
चीन के विदेश मंत्रालय में डेप्युटी कमिश्नर, Song Ruan ने अल-ज़ज़ीरा से बात करते हुए कहा कि ‘हम आशा करते हैं कि प्रेस के हमारे मित्र नए युग में चीन की नई उपलब्धि ‘एक देश, दो प्रणाली’ की प्रगति को देखने के लिए आएंगे.
इस पुल पर गाड़ियों का आवागमन इसी साल शुरू हो जायेगा, कब होगा इसकी जानकारी अभी नहीं दी गयी है.