लोगों को दुर्घटना से बचाने के लिए मैनहोल्स को ख़ुद ही ढकता है बेंगलुरु का ये पुलिसवाला

Sanchita Pathak

खुले मैनहोल्स की वजह से देश में हर साल कई लोगों की जान जाती हैं. बारिश में ये समस्या और गंभीर हो जाती है. मैनहोल्स पर लोहे की पट्टी लगाने से अक़्सर वो चोरी हो जाते हैं. 


मैनहोल्स को ढकने के लिए Change.org पर पटिशन भी शुरू की गई थी, पर आज भी देश के हज़ारों मैनहोल्स खुले पड़े हुए हैं. लेकिन इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की भलाई के लिए काम करते हैं.  

DW

ऐसे ही एक नेक़ दिल इंसान हैं बेंगलुरु का ये पुलिसवाला.


ये पुलिसवाला रात के अंधेरे में शहर के मैनहोल्स को ढकता हुआ दिखाई दिया. इनका नाम है गिरीश.  

रविवार को तकरीबन 10 बजे गिरीश बेंगलुरु के HSR Layout Sector 3 के 18th Cross के पास से गुज़र रहे थे, जहां उन्हें एक खुला हुआ मैनहोल दिखा. गिरीश ने अपनी जीप रोकी और पास पड़े एक बड़े पत्थर को उठाकर मैनहोल को ढंक दिया. 


पास से गुज़रने वाले एक शख़्स ने ये तस्वीर खींच ली जो वायरल हो गई. 

TOI से बातचीत में गिरीश ने कहा, 

‘लोगों को ऐसे ख़तरों के प्रति जागरूक होना पड़ेगा. मुझे लगता है कि मुझे सिविल एजेंसीज़ का इंतज़ार न करते हुए ख़ुद ही इन समस्याओं का हल ढूंढना चाहिए.’ 

-गिरीश

शिमोगा ज़िले के गिरीश 2007 बैच के कॉनस्टेबल हैं. गिरीश ने TOI को बताया कि कुछ दिनों पहले उनके एक साथी की छोटी सी बच्ची की जलने से मौत हो गई थी और तब से ही वे ऐसी छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान ख़ुद ही ढूंढते हैं.  

साउथ-ईस्ट की डीसीपी ईशा पंत ने भी गिरीश की तारीफ़ की, 

‘गिरीश ने मैनहोल देखा और तुरंत एक्शन लिया. हमें किसी का इंतज़ार नहीं करना चाहिए. गिरीश ने एक ज़िम्मेदार नागरिक का फ़र्ज़ निभाया.’ 

-डीसीपी ईशा पंत

गिरीश के नेक़ काम के लिए ट्विटर के लोगों ने भी उनकी तारीफ़ की- 

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