न सुर की समझ है, न ताल का ज्ञान. ये लता मंगेशकर को ‘मैथिली कोकिला’ बता रहे हैं. ये हैं बिहार के Humanities Stream के छात्र, जिन्हें 12वीं बोर्ड्स के संगीत प्रैक्टिकल में 70 में से 65 मिले हैं. ये म्यूज़िक के टॉपर हैं और इनका नाम गणेश कुमार है. ये उस स्कूल से पढ़े हैं, जहां संगीत की क्लास के नाम पर कोई म्यूज़िक इंस्ट्रूमेंट नहीं है.
जब इनसे India Today के पत्रकार ने इनकी उपलब्धि के बारे में पूछा, तो इन्होंने बताया कि-
मुझे म्यूज़िक की ज़्यादा जानकारी नहीं है, मैंने कुछ ही दिन अपनी क्लास अटेंड की है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं टॉपर बनूंगा.
41 का होते हुए खुद को 24 का बताया और हो गए गिरफ़्तार
गणेश का मीडिया के सामने आना उसके लिए भारी पड़ गया. बीते शुक्रवार की शाम जब गणेश बिहार बोर्ड के सामने पेश हुआ तो बिहार पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया. गणेश को उसकी गलत उम्र बताने के चक्कर में गिरफ़्तार किया गया. इस बार बिहार बोर्ड आर्ट स्ट्रीम के केवल 37.11 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं. Bihar School Examination Board के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि जांच करने पर पता चला कि गणेश ने 1990 में दसवीं और 1992 में 12वीं पास की थी. तब वो दूसरी श्रेणी से पास हुआ था. उसके एडमिट कार्ड में उसकी जन्मतिथि 7 नवंबर 1975 लिखी है.
कैसे हुआ शक?
स्टेट बोर्ड को गणेश पर तब शक हुआ जब उसने अपनी उम्र 24 साल बताई, जबकि उसके साथी छात्रों की उम्र 17 से 18 साल थी. आनंद किशोर ने बताया कि गणेश ने 2015 में दोबारा दसवीं की थी और तब वो प्रथम श्रेणी से पास हुआ था. वो झारखण्ड के Giridih का रहने वाला था और उसने कहा कि उसने दसवीं समस्तीपुर बिहार से की है. इसके अलावा न्यूज़ चैनल के कैमरे के आगे उसका गाना गाना और भारी पड़ गया.
जिस स्कूल में वो पढ़ रहा था, वो भाजपा कार्यकर्ता जवाहर प्रसाद सिंह के बेटे अभितेंद्र कुमार का है. जिसे साल 2013 में बिहार स्टेट एड्यूकेशन बोर्ड से मान्यता मिली है. गणेश स्कूल निरंतर नहीं जाता था और उसके एक्ज़ाम फ़ॉर्म में उसका मौजूदा पता भी नहीं था, साथ में उसकी एडमिशन डेट भी उसमें नहीं थी.
ऐसी स्थिती में बिहार शिक्षा प्रणाली पर दोबारा सवाल उठा है, जहां का रिज़ल्ट और छात्र की योग्यता आपस में मिल नहीं रहे.