बिहार: जेल में बंद 22 साल के लड़के ने किया कमाल, काल कोठरी में बैठकर बदली अपनी किस्मत

Nikita Panwar

कई क़ैदी जेल की काल कोठरी में सजा काटते हैं. जेल जाने के बाद लोगों की हिम्मत टूट जाती है. मगर बिहार के एक 22 साल के लड़के सूरज यादव ने जेल जाने के बाद भी अपने सपनों को कैद नहीं होने दिया. पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ IIT Exam की तैयारी करता रहा. यकीनन सूरज की मेहनत रंग लाई और आज जेल में पढ़ाई करके IIT JAM (Joint Admission Test for Masters) की परीक्षा को क्रैक कर दिया. सूरज की कहानी लोगों को इंस्पायर कर रही है. सोशल मीडिया से लेकर तमाम जगहों पर उसकी वाहवाही हो रही है. सच में इस बिहार के लाल ने साबित कर दिया कि, जहां चाह वहीं राह. मगर आईआईटी का सपना जेल में कैसे पूरा हुआ और आखिर ये होनहार लड़का सलाखोंं के पीछे कैसे पहुंचा? चलिए बिहार के सूरज यादव की कहानी विस्तार से पढ़ते हैं.(Suraj Yadav Murder Suspect)

(Suraj Yadav Murder Suspect)आइये, जानते हैं कौन है सूरज उर्फ़ कौशलेंद्र

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सूरज वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का रहने वाला है. बता दें कि, सूरज एक बहुत ही होनहार विद्यार्थी है. वो अरेस्ट होने से पहले कोटा (राजस्थान) में पढ़ाई करता था. लेकिन, कोरोना वायरस के लॉकडाउन की वज़ह से उसे घर वापस आना पड़ा. फिर एक ऐसी घटना घटी जिसने सूरज को सलाखों में बंद करा दिया. सूरज और उसका भाई बीरेंद्र यादव मर्डर केस के आरोप में पिछले एक साल से मंडल कारा नवादा जेल में बंद हैं.(Suraj Yadav Murder Suspect)

क्या थी मर्डर केस की कहानी

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दरअसल, सूरज 21 अप्रैल से जेल में हत्याकांड के चार्जेज़ की वज़ह से बंद है. नवादा जिले के वारिसलीगंज क्षेत्र के एक गांव में सड़क विवाद में दो परिवारों के बीच काफ़ी मारपीट और लड़ाई हुई थी. अप्रैल 2021 में हुए हमले में एक पक्ष के संजय यादव बुरी तरह घायल हो गए थे और इलाज के दौरान उन्हें पटना ले जाते वक़्त ही उनकी मौत हो गई. मृतक के पिता बासो यादव ने बाद में सूरज और उसके पिता अर्जुन यादव समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने 19 अप्रैल 2021 को सूरज समेत चार आरोपियों को जेल भेज दिया. तब से लेकर आज तक सूरज जेल में है. हालांकि, मोसमा पंचायत की मुखिया रेणु देवी का कहना है कि, सूरज को इस मामले में “फंसाया” गया था.(Suraj Yadav Murder Suspect)

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जेल में पढ़कर किया देश का नाम रोशन

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सूरज ने पिछले साल भी IIT JAM (Joint Admission Test for Masters) की परीक्षा को क्रैक किया था और उसकी 34th रैंक आयी थी. लेकिन मर्डर इंसिडेंट के जाल में सूरज ऐसा फंसा कि, उसे मौका ही नहीं मिला. लेकिन, सूरज ने हार नहीं मानी और मेहनत और अपने सपने को साकार करने के लिए, सूरज ने जेल में ही पढ़ाई शुरू कर दी. अब, ये काम अकेले तो संभव बिल्कुल नहीं था. सूरज की परीक्षा को क्रैक करवाने का श्रेय जेल अधीक्षक अभिषेक पांडेय को भी जाता है, जिन्होंने सूरज की काफ़ी मदद की. किताबें, नोटबुक, स्टेशनरी का सामान सूरज को जेल प्रशासन ही प्रदान करते थे.(Suraj Yadav Murder Suspect)

अदालत ने दी परीक्षा देने की इजाज़त

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IIT JAM (Joint Admission Test for Masters) की परीक्षा 13 फरवरी को थी. अदालत ने सूरज को मासिक पैरोल पर परीक्षा देने की इजाज़त दी. फिर क्या था. सूरज ने IIT JAM (Joint Admission Test for Masters) की परीक्षा को क्रैक कर इंडिया में 54th रैंक हासिल की. जान लें, रिहा होने के बाद सूरज को IIT-रुड़की में शामिल होने का जल्द ही मौका मिलेगा. साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सूरज वैज्ञानिक बनना चाहते हैं(Suraj Yadav Murder Suspect)

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