कोरोना को हराकर घर पहुंचे माता-पिता, बेटे ने अस्पताल स्टाफ़ को चावल की बोरियां दे कर कहा शुक्रिया

J P Gupta

कोरोना महामारी से लड़ कर सुरक्षित अपने घर लौट आना किसी जंग को जीतने से कम नहीं. इसलिए इसकी ख़ुशी मनानी तो बनती हैं और ख़ुशियां तो बांटने से बढ़ती हैं. इसलिए चेन्नई में एक शख़्स ने हॉस्पिटल के स्टॉफ़ में चावल की बोरियां बांटकर अपनी ख़ुशी जताई. इस अस्पताल के कर्मचारियों ने इनके बुज़ुर्ग माता-पिता की देखभाल की थी, जो हाल ही में कोरोना को हरा कर अपने घर पहुंचे हैं.

ये पूरा मामला चेन्नई के राजीव गांधी गवर्मेंट जर्नल अस्पताल(RGGGH) का है. यहां कुछ दिनों पहले चेन्नई के रहने वाले बुज़ुर्ग दंपति को कोरोना संक्रमण के बाद भर्ती किया गया था. उनका 8 दिनों तक इलाज चला और वो स्वस्थ हो कर घर लौट गए. 

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कोरोना को हराने के बाद जब वो घर लौटे तो उनके बड़े बेटे की ख़ुशी का ठिकाना न रहा है. इसलिए उसने अस्पताल में उनकी देख भाल करने वाले और पूरे अस्पताल की साफ़-सफ़ाई करने वाले कर्मचारियों में चावल की बोरी बांटी. अस्पताल के डीन डॉक्टर E. Theranirajan ने बताया कि जब इस शख़्स के माता-पिता को यहां लाया गया तो उनकी हालत गंभीर थी. उन्हें सांस लेने में तकलीफ़ थी इसलिए वेंटिलेटर भी लगाया गया था. 

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उनके ठीक होने के बाद इनके बड़े बेटे ने कर्मचारियों में 5 किलो चावल के बैग बांटने की बात कही थी. इसके बाद उन्होंने डीन और दूसरे डॉक्टर्स की मौजूदगी में सभी को चावल वितरित किया. उनका कहना है कि वो आगे भी अस्पताल की किसी न किसी रूप में मदद करते रहेंगे. 

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वैसे ये पहली बार नहीं है जब RGGGH में किसी बुज़ुर्ग ने कोरोना को हराया हो. यहां अब तक 20 से अधिक बुज़ुर्ग लोग कोरोना की जंग जीत कर अपने घर लौट चुके हैं. इनमें से कई तो 90 साल से अधिक उम्र के हैं. 

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