अब उन जंगलों तक पहुंच पाएगी फ़ौज, जो हुआ करता है नक्सलों का गढ़

Jayant

छत्तीसगढ़ राज्य के उन जगहों पर अब भारत सरकार जल्द ही ज़मीनी सर्वे करवाने जा रही है, जो सबसे ज़्यादा नक्सल प्रभावित हैं. आज़ादी के बाद से आज तक इस काम को करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन हर बार इसमें नाकामी ही मिली.

इन घने जंगलों के बारे में सरकार और फ़ौज को बहुत ही कम जानकारी है. इसी कारण नक्सलियों पर नकेल डालना सरकार और फ़ौज दोनों के लिए काफ़ी जोखिम भरा रहा है.

HT

अभी तक छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभाविक जंगलों के आंकड़े बहुत ही निम्न थे. यही कारण था कि वहां के सरकारी कर्मचारियों को बॉडी गार्ड्स के साथ चलना पड़ता था.

सरकार चाहती है कि इन जंगलों का ज़मीनी सर्वे किया जाए और वहां सड़कें बनाई जाएं, जिससे वहां के लोगों को सुविधा तो मिले ही, साथ ही नक्सलियों के खिलाफ़ किसी भी ऑपरेशन को आसानी से अंजाम दिया जा सके.

livemint

ये पूरा एरिया करीब 4 हज़ार किलोमीटर का है. इस जगंल में कई छोटे-छोटे गांव भी हैं. सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि इस सर्वे के कारण कहीं गांव वालों को किसी भी तरह की समस्या न आए.

इन जंगलों में सड़क बनने के बाद वहां पुलिस चौकी, स्कूल, हॉस्पिटल की सुविधाएं बनानी आसान हो जाएंगी. इस जंगल में अभी किसी भी ऑपरेशन को कर पाना बहुत मुश्किलों भरा रहा है.

zeenews

पिछले कुछ सालों में कई ऐसे मामले आए हैं, जहां नक्सलियों के आमने-सामने आने पर हमारी फ़ौज को पीछे हटना पड़ा है और कई जवान भी शहीद हुए हैं.

ये फैसला सरकार और सर्वे करने वालों के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि नक्सली नहीं चाहेंगे कि फ़ौज जंगल में घुसे. यही कारण है कि इसे देश का अब तक का सबसे ख़तरनाक सर्वे भी कहा जा रहा है.

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे