मिलिए नीतू से, 14 की उम्र में जुड़वां बच्चों की मां बनीं और आज एक इंटरनेशनल रेसलर बन चुकी हैं

Vishu

अगर आप हताश, परेशान और निराश हैं और लाइफ़ में किसी ऐसी चीज़ की तलाश में हैं जो आपको प्रेरित कर सकती है तो आपको नीतू सरकार के बारे में जानने की ज़रूरत है.

13 साल की उम्र में जबरन शादी और 14 साल की उम्र में जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली इस महिला की विल पावर अद्भुत है. आर्थिक और सामाजिक कठिनाईयों के बावजूद आज वो एक इंटरनेशनल रेसलर बन चुकी है.

नीतू के आर्थिक हालात बेहद खराब थे. गरीबी के चलते उसके मां-बाप ने उसे भिवानी के एक गांव में 43 साल के व्यक्ति को बेच दिया था. इस शख़्स के मानसिक हालात भी ठीक नहीं थे. लेकिन तीन बाद नीतू वहां से भागने में कामयाब रही और वापस अपने घर आ गई. हालांकि अपनी बेटी को देखकर उसके निर्दयी मां-बाप बिल्कुल खुश नहीं थे और जल्दी ही उन्होंने उसकी शादी दोबारा करा दी.

नीतू का दूसरा पति बेरोज़गार था और परिवार का खर्च मां की पेंशन से चलता था. गरीबी से तंग आकर नीतू ने अपने पैशन को फ़ॉलो करने का फ़ैसला किया.

उन्होंने कहा कि ‘मेरे मां-बाप मेरे कुश्ती लड़ने के खिलाफ़ थे. मैं ड्रेस पहनकर कुश्ती लड़ा करती थी. मेरी कुश्ती में बहुत ज़्यादा दिलचस्पी थी. लेकिन मेरे घरवालों ने मेरी शादी करा दी. उसके बाद मुझे बच्चे हो गए. लेकिन मैं जब भी किसी लड़की को कुश्ती करते देखती तो मैं काफी उत्सुक हो जाती. मैं उनसे उस खेल के बारे में पूछती. 14 साल की उम्र में मां बनने के बाद अगले दो तीन सालों तक मैं बंध कर रह गई, लेकिन आखिरकार मैंने अपने सपने को साकार करने का फ़ैसला किया.’

नीतू को अपने गांव से भी विरोध का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि ‘लोग मेरे पति को सलाह देते थे कि मुझे कुश्ती के लिए न भेजा जाए, लेकिन इस मामले में मेरे पति ने हमेशा समर्थन किया. वो कहते कि तुम्हें जीतने की ज़रूरत नहीं है. मुझे तुम्हारे मेडल या जीत नहीं चाहिए. मैं बस चाहता हूं कि तुम जमकर मेहनत करो और अपने पैशन को फ़ॉलो करो.’

अपने पति के सपोर्ट के साथ ही नीतू निश्चिंत हो गई थी. वो हर रोज़ सुबह 3 बजे उठती, डेढ़ घंटे यात्रा कर रोहतक के पास ही के गांव जाती और 5.30 बजे ट्रेनिंग की शुरूआत करती. वो छह घंटे वर्कआउट और ट्रेनिंग करती और उसे घर आते-आते रात के 9 बज जाते.

गौरतलब है कि नाबालिग लड़कियों की शादी अब भी देश में एक बड़ी समस्या है. यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रन फ़ंड ने अपनी 2014 की रिपोर्ट में कहा था कि भिवानी जैसे ग्रामीण इलाकों में रहने वाली लड़कियों के बालवधू बनने की संभावना शहरों में रहने वाली लड़कियों से कहीं ज़्यादा होती है. भारत में शादी की क़ानूनी उम्र 18 साल है लेकिन इसी देश में दुनिया की सबसे ज़्यादा बाल वधू भी रहती हैं. ग्लोबल नॉनप्रॉफ़िट गर्ल्स नॉट ब्राइड्स के मुताबिक, भारत में 47 प्रतिशत लड़कियां 18 साल से पहले ब्याह दी जाती हैं.

नीतू ने कहा, जो लोग पहले मेरे और मेरे पैशन के खिलाफ़ थे, वही लोग आज मेरे पास आकर अपनी बच्चियों को रेसलिंग सिखाने को कहते हैं. वो लोग कहते हैं कि इन्हें अपने साथ ही रख लो, इन्हें अपने जैसा बना दो.’

कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद आज नीतू एक इंटरनेशनल लेवल की रेसलर बन चुकी हैं. उन्होंने इस साल हुए इंडियन नेशनल गेम्स में सिल्वर मेडल हासिल किया है और ब्राज़ील में हुए जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया था.

नीतू के ग़ज़ब के ज़ज़्बे को ग़ज़बपोस्ट का सलाम!

Source: Huffingtonpost

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